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छह दिन हुए परेशान, फिर भी बेच न पाए धान

लापरवाही माने मनमानी कहें या निरंकुशता..। अफसर चेतावनी दे रहे हैं। माननीय फटकार लगा रहे हैं। कोई रिपोर्ट दर्ज कराने की चेतावनी दे रहा है तो कहीं सीधे सीएम से शिकायत का डर दिखाया जा रहा है पर यह सबकुछ हो रहा है सिर्फ कैमरे के सामने। सच तो यह है कि किसानों की समस्या का समाधान इनमें से किसी के पास नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 12:45 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 12:45 AM (IST)
छह दिन हुए परेशान, फिर भी बेच न पाए धान
छह दिन हुए परेशान, फिर भी बेच न पाए धान

जेएनएन, रोजा, शाहजहांपुर :

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लापरवाही माने, मनमानी कहें या निरंकुशता..। अफसर चेतावनी दे रहे हैं। माननीय फटकार लगा रहे हैं। कोई रिपोर्ट दर्ज कराने की चेतावनी दे रहा है तो कहीं सीधे सीएम से शिकायत का डर दिखाया जा रहा है, पर यह सबकुछ हो रहा है सिर्फ कैमरे के सामने। सच तो यह है कि किसानों की समस्या का समाधान इनमें से किसी के पास नहीं है। क्योंकि केंद्र प्रभारी सब पर भारी हैं। वे ही अन्नदाता के विधाता बन गए हैं। गांव-देहात तो दूर की बात। हकीकत देखनी है तो शहर से सटी रोजा मंडी समिति आइए। खुले आसमान के नीचे अरमानों की ढेरी पर चारपाई डालकर बैठे किसानों से मिलिए। छह-छह दिन बीत गए इंतजार करते-करते, लेकिन धान नहीं खरीदा जा रहा है। एक ही परिसर में लगे केंद्रों पर चक्कर लगाते दिन बीत जा रहा है।

निर्देश दिए और चले गए एसडीएम

समय पूर्वाह्न लगभग 11 बजे। स्थान रोजा मंडी समिति परिसर। निरीक्षण कर रहे एसडीएम सदर सुरेंद्र सिंह एसएफसी के केंद्र के सामने पहुंचे तो वहां मौजूद खुदागंज के सुराही गांव निवासी किसान सर्वजीत सिंह व उनके भाई जसकरन सिंह हाथ जोड़कर खड़े हो गए। बताया पिछले शनिवार शाम 80 क्विटल धान लेकर आए थे। छह दिन हो गए है। न तो तौल हो रही है और न ही कोई टोकन दे रहा है। एसडीएम केंद्र प्रभारी सत्यप्रकाश को निर्देश देकर चले गए। दोनों भाई प्रभारी के पास पहुंचे तो उन्होंने रुख नहीं मिलाया।

अभी व्यस्त हैं बाद में आना

ढाई बजे तक इंतजार करने के बाद दोनों ने झोले में धान भरा और विपणन शाखा के प्रथम केंद्र पर पहुंचे। प्रभारी सर्वजीत पांडेय का जवाब मिला अभी व्यस्त हैं बाद में आना। जल्दी है तो दूसरा केंद्र देख लो। विपणन शाखा के ही दूसरे केंद्र पर पहुंचे तो प्रभारी आमिर मेराज ने दूर से देखकर ही कह दिया कि धान ज्यादा सूखने के कारण टूट गया है, इसलिए नहीं खरीदेंगे। मंडी समिति के केंद्र पर नमी 14 फीसद निकली, पर केंद्र प्रभारी कवितान सिंह ने तौल से मना कर दिया। बोले कि कई नंबर लगे हैं। सप्ताह बाद आना। भारतीय खाद्य निगम के केंद्र पर प्रभारी शशांक नारायन नहीं थे।

दूसरे केंद्र पर लेटे मिले प्रभारी

उम्मीद में पीसीयू के केंद्र पर पहुंचे तो वहां भी कोई नहीं मिला। पीसीएफ के केंद्र प्रभारी मनोज कुमार पास में लगे नेफेड के केंद्र पर तख्त पर लेटे थे। बताया तबीयत खराब है। नेफेड के केंद्र प्रभारी अभिजीत को कुछ तरस आया। यहां नमी 14.66 मिली, लेकिन तौल के लिए उन्होंने भी तीन दिन का समय मांगा। शाम पांच बजे एडीएम वित्त गिरिजेश चौधरी पहुंचे। निरीक्षण की औपचारिकता के बाद बैठक में व्यस्त हो गए। दोनों भाई खुले आसमान के नीचे अगली सुबह का इंतजार करने लगे।

ओस में भीग जाता धान

दोनों भाइयों ने बताया कि रात मे ओस गिरती है, जिस कारण धान नम हो जाता है। सुबह प्रभारी चेक करते हैं तो ज्यादा नमी होती है। दिन भर सुखाते हैं, लेकिन खरीद नहीं हो पाती।

पांच दिन से इंतजार

यह हाल सिर्फ दोनों भाइयो का नहीं है। रोजा क्षेत्र सरही गांव निवासी प्रमोद कुमार ने बताया वह 19 अक्टूबर को 40 क्विटल धान मंडी में लाये थे। तब से तौल का इंतजार कर रहे हैं।

चोरी हो गया धान

पिगरी गांव के मंजीत 20 अक्टूबर को धान लेकर आए थे। बताया कि गुरुवार रात रात चार बोरी धान चोरी हो गया। आहट होने पर नींद खुल गई। पीछा किया तो दो बोरी छोड़कर भाग गए।

कर रहे हैं रात में रखवाली

मंडी परिसर में इस तरह के दृश्य दिख जाएंगे। धान की ढेरियों पर चारपाई व मच्छरदनी लगाकर रखवाली कर रहे हैं। क्योंकि धान चोरी का डर है। कई किसान ट्रालियों में ही सो रहे हैं। खाना-पीना सब यहीं पर हो रहा।

ये हैं मानक

- 17 फीसद होनी चाहिए नमी

- 1 से 2 फीसद तक टूटन

- 5 से 6 फीसद काला या हरा धान

वर्जन :

दोनों भाइयों के धान में नमी 22 फीसद है जो मंडी के मानक में नहीं है। वह धान सुखाने के लिए यहां पर रुके हुए हैं।

सत्य प्रकाश, केंद्र प्रभारी एसएफसी क्रय केंद्रों पर जो खरीद हुई है उसका उठान नहीं हो सका है। जगह का अभाव होने के कारण तौल व खरीद में दिक्कत है। इन दोनों किसानों की खरीद क्यों नहीं हो रही इसकी जानकारी करेंगे।

प्रवीण कुमार अवस्थी मंडी सचिव रोजा


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