मात्र 54 फीसद लोगों को मिला एग्रीकल्चर लोन
बैंकर्स सरकारी योजनाओं के बजाय अपने हितों पर ही ध्यान दे रही है। इसका खुलासा जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में हुआ।
जेएनएन, शाहजहांपुर : बैंकर्स सरकारी योजनाओं के बजाय अपने हितों पर ही ध्यान दे रही है। इसका खुलासा जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में हुआ। बैंकों ने तमाम सख्ती के बावजूद एग्रीकल्चर लोन मात्र 54 फीसद किसानों को ही दिया। शिक्षा ऋण में मात्र 32 फीसद विद्यार्थियों को ही मौका दिया गया। वहीं, हाउसिग लोन का आंकड़ा 113 फीसद के पार पहुंच गया।
विकास भवन में आयोजित बैठक में बैंकों के उपेक्षापूर्ण रवैया पर डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने नाराजगी जताई। उन्होंने अग्रणी जिला प्रबंधक चंद्रशेखर जोशी के साथ बैंकर्स को भी सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं को वरीयता से पूर्ण करने के निर्देश दिए।
आधा दर्जन बैंकों के खिलाफ कार्रवाइ के निर्देश
जिलाधिकारी ने इंडियन बैंक, आइसीआइसीआइ, सिडीकेट, यूको, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, भूमि विकास बैंक प्रतिनिधियों के बैठक में शामिल न होने पर एलडीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए। बैठक में बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक, जिला सहकारी बैंक दो दर्जन बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सेक्टरवार निर्धारित ऋण का लक्ष्य व बैंकों की आर से दिए गए ऋण का ब्योरा
प्राथमिक सेक्टर : लक्ष्य - प्राप्ति - फीसद प्राप्ति
कृषि ऋण : 399093 - 218196 - 54.68
फसल ऋण : 277417 - 201361 - 74.0
एमएसएमई : 34587 - 27342 - 79.0
शिक्षा ऋण : 3449 - 1023 - 32.0
भवन ऋण : 10764 - 12192 - 113.27