39 संदिग्ध परिवार, जवाब नहीं दे रही बंगाल सरकार
अंबुज मिश्र शाहजहांपुर 39 संदिग्ध परिवार 12 रिमाइंडर जवाब शून्य। लखनऊ में अलकायदा के
अंबुज मिश्र, शाहजहांपुर :
39 संदिग्ध परिवार, 12 रिमाइंडर, जवाब शून्य। लखनऊ में अलकायदा के आतंकी पकड़े जाने के बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट है, लेकिन जिले की पुलिस परेशान है। परेशानी का कारण कोई और नहीं बंगाल सरकार है। दरअसल जिन परिवारों को पुलिस संदिग्ध मान रही है। वह स्वयं को पश्चिम बंगाल का निवासी बता रहे हैं, लेकिन वहां की सरकार इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। ऐसे में इनके बांग्लादेश से आए होने की आशंका में पुलिस को इनकी हर गतिविधि पर नजर रखनी पड़ रही है। शहर के तेल टंकी रोड सहित विभिन्न स्थानों पर झुग्गी झोपड़ियों में परिवार रहते हैं। इनमें से अधिकांश कूड़ा करकट बीनने का काम करते हैं। बांग्ला भाषा बोलने वाले ये लोग स्वयं को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले व उसके आसपास के क्षेत्र का रहने वाला बताते हैं, लेकिन कइयों के पास संबंधित दस्तावेज नहीं हैं। हालांकि जिले में किसी आपराधिक घटना में इनका नाम सामने नहीं आया है, लेकिन पुलिस इनका सत्यापन कराना चाहती है।
झुग्गियों में हर सुविधा
इन परिवारों में महिलाएं व बच्चे तो काम पर जाते हैं, लेकिन पुरुष कम ही दिखते हैं। झुग्गी झोपड़ियों में कूलर, फ्रिज से लेकर डिश टीवी सहित सभी आधुनिक सुविधाएं रहती हैं। आसपास के लोगों से कम संपर्क ही रखते हैं। कार्यभार संभालते ही कराया था सत्यापन
लगभग सवा साल पहले एसपी एस आनंद ने कार्यभार संभाला तो उन्होंने जिले में खानाबदोश परिवारों को चिह्नित कराया था। उनके निर्देश पर हुई जांच में 39 परिवार ऐसे भी सामने आए जिनके पर कोई खास दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ में इन परिवारों ने स्वयं को पश्चिम बंगाल का बताया तो एसपी की ओर से इनके बताए गए पते पर सत्यापन के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को शासन के माध्यम से पत्र लिखा। उसके बाद से एक-एक कर अब तक 12 रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन अब तक बंगाल सरकार ने इन लोगों के बारे में कोई तस्दीक नहीं की है।
फैक्ट्रियों से भी जुटाया था ब्योरा
जनवरी में रोजा प्रभारी निरीक्षक दिनेश शर्मा ने भी क्षेत्र के औद्योगिक संस्थानों में कार्य करने वाले मजदूरों का ब्योरा जुटाया था। उस समय उन्होंने रोहिग्या मुसलमान व बांग्लादेशियों के इन फैक्ट्रियों में मजदूर बनकर नौकरी की तलाश करने की आशंका जतायी थी। एटीएस मुख्यालय लखनऊ में तैनात रहे प्रभारी निरीक्षक का मानना था कि पुलिस की बढ़ती सक्रियता के कारण जिलों में रोहिग्या व बांग्लादेशियों ने अपनी आवाजाही कम कर दी है। ऐसे में वे लोग उन जिलों व स्थानों की तलाश में हैं जहां सुरक्षा एजेंसियों की नजर उन पर न पहुंच सके। हालांकि जिले में इनका रिकार्ड नहीं मिला था। फैक्ट फाइल :
- 90 से ज्यादा झुग्गी झोपड़ियां हैं शहर में
- 70 परिवार पश्चिम बंगाल से आए हुए
- 1 भी बांग्लादेशी नहीं पुलिस रिकार्ड में इन परिवारों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है, लेकिन इनके पते आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसके लिए बंगाल सरकार को पत्र लिखा गया था। पिछले दिनों एक और रिमाइंडर भेजा था। इसलिए इन परिवारों की निगरानी की जा रही है।
एस आनंद, एसपी