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सेना भर्ती::फर्जी प्रमाण पत्रों से 22 लोगों ने पाई सेना में नौकरी

सेना भर्ती फर्जीवाड़े में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पुलिस ने 22 ऐसे लोगों को ट्रेस किया है जिन्होंने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाई। इन सभी की सूची बरेली में सेना के हेडक्वार्टर भेज दी गई है। प्रकरण में आर्मी इंटेलीजेंस भी सक्रिय है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि आरोपितों का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से कोई कनेक्शन तो नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 16 Dec 2020 12:06 AM (IST)
सेना भर्ती::फर्जी प्रमाण पत्रों से 22 लोगों ने पाई सेना में नौकरी
सेना भर्ती::फर्जी प्रमाण पत्रों से 22 लोगों ने पाई सेना में नौकरी

जेएनएन, शाहजहांपुर : सेना भर्ती फर्जीवाड़े में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पुलिस ने 22 ऐसे लोगों को ट्रेस किया है, जिन्होंने फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाई। इन सभी की सूची बरेली में सेना के हेडक्वार्टर भेज दी गई है। प्रकरण में आर्मी इंटेलीजेंस भी सक्रिय है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि आरोपितों का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से कोई कनेक्शन तो नहीं है।

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सोमवार को पुलिस ने बंडा क्षेत्र में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ये तीनों लोग अपने अभिलेखों का सत्यापन कराने पहुंचे थे। आरोपितों से पूछताछ की जा रही है, जिसके जरिए पुलिस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचने की तैयारी में है। वहीं पूर्व में गिरफ्तार पांच आरोपितों से पूछताछ व अभिलेखों के सत्यापन में पुलिस ने ऐसे 22 लोग ट्रेस किए हैं जो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में फर्जी अभिलेखों के जरिए सेना में नौकरी पा चुके हैं। पुलिस को संभावना है कि यह संख्या अभी और बढ़ सकती है।

सोमवार को गिरफ्तार आरोपित मेरठ व गाजियाबाद क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्होंने सेना में भर्ती के लिए आवेदन किया था। उन लोगों को अपने अभिलेख सत्यापित कराने थे, लेकिन उससे पहले नवंबर में पुलिस की कार्रवाई में फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इस मामले में पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में उन लोगों के नाम ट्रेस किए जिनके अभिलेख बनवाए गए थे। जिसके आधार पर इन तीनों युवकों के नाम भी सामने आए थे। करीब एक माह से ज्यादा समय बीतने के बाद तीनों को पुलिस ने अपने सूत्रों के माध्यम से यह यकीन दिलाया कि अब मामला शांत हो चुका है। ऐसे में वे अपने अभिलेख सत्यापित करा सकते हैं। इसलिए तीनों थाने पहुंच गए, जहां उन्हें पकड़ लिया गया।

यह है पूरा मामला

दस नवंबर को एसओजी व मिलिट्री इंटेलीजेंस की टीम ने बंडा थाना क्षेत्र के मुहल्ला बाबा चरनदास कालोनी स्थित घर में छापा मारा था। जहां से मेरठ निवासी सेना के रिटायर्ड हवलदार सुरेश सोम उर्फ सोनू, बंडा थाने में तैनात सिपाही अलीगढ़ जिले के थाना इगलास क्षेत्र के गदौना गांव निवासी मनवीर सिंह, गाजियाबाद जिले के भोजपुर थाना क्षेत्र के मुकीमपुर गांव निवासी हुकुम सिंह व परमवीर सिंह, हापुड़ जिले के पिलखुवा थाना क्षेत्र के बझेड़ा खुर्द गांव निवासी मुकेश कुमार को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में इन लोगों ने फर्जी अभिलेखों से कुछ लोगों की सेना में नौकरी लगवाने की बात स्वीकारी थी, जिसके बाद पुलिस ने अभिलेखों का सत्यापन व जांच शुरू की थी।

इनकी नहीं गिरफ्तारी

गाजियाबाद जिले के मसूरी थाना क्षेत्र के भसौला गांव निवासी सिपाही मूलचंद्र व हापुड़ जिले के धौलाना थाना क्षेत्र के ककराना गांव निवासी अरविद कुमार अब भी फरार हैं। दोनों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें कई बार दबिश भी दे चुकी हैं। सिपाही मूलंचद व मनवीर को एसपी निलंबित कर चुके हैं।

वर्जन

फर्जी अभिलेखों से जिन 22 लोगों के नौकरी करने की जानकारी सामने आई है। उनकी सूची सेना को भेज दी गई है। अब वहां से आगे की कार्रवाई होगी। फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों की तलाश जारी है।

एस आनंद, एसपी


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