जिले में 113 फीसद हो चुकी धान खरीद
जनपद में 113 फीसद धान खरीद हो चुकी है। हालांकि इस बीच धान खरीद में देर व मनमानी को लेकर सवाल भी उठते रहे। बिचौलियों से भी धान खरीद के भी आरोप लगे। धान खरीद में प्रदेश में प्रथम स्थान होने की वजह से शासन स्तर पर शाहजहांपुर चर्चा में है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : जनपद में 113 फीसद धान खरीद हो चुकी है। हालांकि इस बीच धान खरीद में देर व मनमानी को लेकर सवाल भी उठते रहे। बिचौलियों से भी धान खरीद के भी आरोप लगे। धान खरीद में प्रदेश में प्रथम स्थान होने की वजह से शासन स्तर पर शाहजहांपुर चर्चा में है। बुधवार को खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री ने निरीक्षण किया। उनकी सख्ती के बाद 55 केंद्रों पर धान खरीद में गति आई। वहीं, सुखवीर एग्रो से अभी कस्टम राइस मिल के एक लाख चावल की डिलीवरी बकाया है।
जनपद में 37.50 लाख क्विंटल खरीद के लिए 197 धान खरीद केंद्र खोले गए थे। अब तक 86774 किसानों से 42 लाख 76 हजार 490 क्विटल की धान खरीद की जा चुकी है। वर्तमान में 55 केंद्रों पर 31 जनवरी तक खरीद होनी है। बुधवार को खाद्य एवं रसद मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह के आगमन के बाद खरीद बढ़ी, लेकिन मौसम बाधक बना हुआ है।
मंत्री की जांच से राइस मिलर्स में खलबली
बुधवार को खाद्य एवं रसद मंत्री रणवेंद्र प्रतापसिंह ने राइस मिलर्स सुखवीर एग्रो की जांच की। जिले के सबसे बड़े मिल को प्रशासन की ओर से 20 लाख क्विंटल धान कुटाई के लिए दिया। अब तक दस लाख क्विंटल चावल प्राप्त हो चुका है, जबकि दस लाख क्विटल बकाया है। इस मिल में शाहजहांपुर के अलावा पीलीभीत से भी सीधे धान खरीदने के साथ ही सरकारी खरीद का भी धान लिया जाता है।
पंजीकरण कराने वाले किसानों से खरीदा जाएगा धान
जिन किसानों धान बिक्री के लिए पंजीयन करा लिया है, उनसे 31 जनवरी तक धान खरीद की जाएगी। यदि पड़ोस का क्रय केंद्र बंद भी हो गया तो किसान किसी भी केंद्र पर धान की बिक्री कर सकेंगे। एडीएम वित्त एवं राजस्व गिरिजेश चौधरी ने इस आशय आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि मिलर्स के स्टॉक का परीक्षण किया जा रहा है।
वर्तमान में संचालित धान खरीद केंद्र व विभाग
- 28 विपणन शाखा
- 14 पीसीएफ
- 08 पीसीयू
- 01 एफसीआइ
- 04 मंडी परिषद
फैक्ट फाइल
- 37.50 लाख क्विंटल खरीद का था लक्ष्य
- 42.77 लाख क्विंटल हो चुकी धान खरीद
- 65 फीसद सएमआर का धान राइस मिलर्स को दिया
- 96 फीसद धान की डिलीवरी हो चुकी अब तक
- 83 फीसद किसानों को भुगतान