बुखार से हारी जिंदगी,11 की मौत
जिले में बुखार बेकाबू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग नियंत्रण करने में नाकाम है।
शाहजहांपुर : जिले में बुखार बेकाबू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग नियंत्रण करने में नाकाम है। लोगों के मरने का सिलसिला नहीं रुक रहा है। पिछले चौबीस घंटे में बुखार से अलग-अलग स्थानों पर दस और मौतें हो गईं। इसके साथ ही जिले में बुखार से मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। मोहम्मदी के बहुदी खुर्द गांव निवासी सुनील कुमार की दो वर्षीय बेटी बिट्टू ने जिला अस्पताल में दम तोड़ा। निगोही के गुरगवां गांव निवासी रामपाल के बेटे विवेक 35 वर्ष की बुखार से मौत हो गई। विक्रमपुर गांव निवासी कलावती 40 वर्ष, राजकुमार की नौ माह की पुत्री सोमवती, अमर ¨सह की आठ वर्षीय पुत्री नैना की बुखार से मौत हो गई। जलालाबाद के मुहल्ला वर्कजई निवासी अनिल की चार वर्षीय बेटी रिया, ¨सधौली के सिसैया गांव निवासी पवन ¨सह के छह वर्षीय बेटे अनुराग व बंडा की रामनगर कालोनी निवासी रामकिशोर की मौत बुखार से हो गई। कलान के गांव पृथ्वीपुर निवासी रामनाथ की पत्नी किशोरी व इसी क्षेत्र के सथरी गांव निवासी सर्वेश की भी बुखार से मौत हो गई। जिले में बुखार से हाहाकार, स्वास्थ्य महकमा बना लाचार
शाहजहांपुर : बुखार से जिले में हाहाकार मचा है। अब तक 32 लोगों की जानें जा चुकी हैं। किसी की गोद सूनी हुई तो किसी का सुहाग छिन गया, लेकिन न तो स्वास्थ्य महकमे को इससे कोई फर्क पड़ रहा है और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन इंतजाम नाकाफी हैं। हालांकि अधिकारी स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रहे हैं। कई मौतों को तो स्वास्थ्य विभाग बुखार से होना ही नहीं मान रहा है, लेकिन हकीकत क्या है आंकड़े स्वयं बयां कर रहे हैं। जिला अस्पताल में होने वाली ओपीडी की संख्या एक से डेढ़ हजार तक पहुंच गई है। जिनमें अधिकांश बुखार के मरीज हैं। भर्ती करने के लिए बेड तक खाली नहीं हैं।
बच्ची की हुई इलाज के दौरान मौत
शाहजहांपुर : मोहम्मदी के बहुदी खुर्द गांव निवासी सुनील कुमार की दो वर्षीय बेटी बिट्टू को कई दिन दिन से बुखार था। उसका पहले तो क्षेत्र में ही इलाज चल रहा था। गुरुवार को परिजन जिला अस्पताल लेकर आये, जहां दोपहर बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत से उसके पिता व मां का हाल बेहाल हो गया। वे लोग बिलख-बिलख कर रोने लगे। डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए पूछा, जिस पर उन लोगों ने इन्कार कर दिया। बच्ची का शव लेकर वे लोग वहां से चले गये।
विक्रमपुर में तीन की बुखार से मौत
संवाद सूत्र निगोही : क्षेत्र में बुखार से होने वाली मौतों को रोकने में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। गुरगवां गांव निवासी रामपाल के बेटे विवेक 35 वर्ष को बुखार होने पर परिजनों ने कस्बे में ही इलाज शुरू कराया। बुधवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ी तो आनन फानन में शाहजहांपुर ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही विवेक ने दम तोड़ दिया। मृतक के तीन बेटे व दो पुत्रियां हैं। मृतक की पत्नी डॉली का रो रोकर बुरा हाल है। विक्रमपुर गांव निवासी कलावती 40 वर्ष पत्नी स्व. मिढई को पिछले चार दिनों से बुखार आ रहा था। देर रात कलावती का बुखार तेज और हो गया, जिस पर परिजन निगोही सीएचसी ले गये, जहां डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया था। देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसी गांव के अमर ¨सह की आठ वर्षीय पुत्री नैना को सुबह हल्के बुखार के साथ उल्टी आने लगी थी। परिजनों ने झोलाछाप से दवा दिला दी। हालत बिगड़ने पर उसे निजी चिकित्सक के पास ले गये, जहां उसकी मौत हो गई। इसी गांव के राजकुमार की नौ माह की पुत्री सोमवती को दो दिन से बुखार आ रहा था। उसकी मौत हो गई7गांव में संक्रामक रोगों की वजह से राज, लल्ला, राधिका, अर्जुन, विशाल, प्रेमवती, नेहा, ओमपाल, लक्ष्मी, नीलम, धनदेवी, सिरोजा देवी समेत दर्जनों लोग बुखार की चपेट में है। ग्रामीणों ने बताया कि सूचना के बाद कोई भी स्वास्थ्य टीम गांव नहीं आई। वही सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डॉ. नरेंद्रपाल का कहना है कि बरसात के मौसम में वायरल बुखार चल रहा है। गांवों में स्वास्थ्य कैंप लगाकर रोगियों की जांच कर उन्हें दवाईयां वितरित की जा रही है।
बच्ची की बुखार से मौत
जलालाबाद:- नगर के मुहल्ला वर्कजई निवासी अनिल की चार वर्षीय बेटी रिया को मंगलवार को बुखार आ गया था। जिसके बाद उसकी मां सीएचसी लेकर गई थी। वहां गोलियां व सीरप दे दिया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हालत नही सुधरी तो एक झोलाछाप से दवा ली। इसके बाद उसे प्राइवेट अस्पताल में दिखाया। वहां से भी राहत न मिली, उसकी हालत और ज्यादा अचानक बिगड़ने लगी। हाथ पैर अकड़ने लगे। इसके बाद वे लोग बच्चे को लेकर जिला अस्पताल जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई।
दो ने तोड़ा दम
कलान : क्षेत्र में वायरल से बड़ी संख्या की संख्या में लोग पीड़ित हैं। ऐसा कोई घर नही जहां दो से तीन लोग बुखार की चपेट में न हों। ग्राम पंचायतपृथ्वीपुर निवासी रामनाथ की पत्नी किशोरी 50 की बुखार से मौत हो गई। उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। रामनाथ के घर में परिवार के अन्य सदस्य भी बुखार से पीड़ित हैं। किशोरी की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। सथरी गांव निवासी सर्वेश 50 करीब छह दिन से बुखार से पीड़ित था। उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मौत हो गई।
बुखार ने ली एक और जान
बंडा : कस्बे की रामनगर कालोनी निवासी रामकिशोर 42 की बुखार से मौत हो गई। रामकिशोर की पत्नी मालती देवी ने बताया उसके पति को एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। कस्बे के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। रात अचानक हालत ज्यादा बिगड़ने से मौत हो गई। मृतक फास्टफूड का ठेला लगाता था। उसके तीन बच्चे हैं, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है। बालक की मौत
¨सधौली : सिसैया गांव निवासी पवन ¨सह के बेटे छह वर्षीय अनुराग को तेज बुखार था। क्षेत्र में इलाज कराने का कोई फायदा न हुआ तो बुधवार को उसको बरेली के अस्पताल में भर्ती कराया जहां, उसकी मौत हो गई। मासूम की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है।