योग भारत की प्राचीन संस्कृति का आधार
योग भारत की प्राचीन संस्कृति का आधार है। आज योग की मुरीद पूरी दुनिया है। यह हमारे जनपद के लिए गर्व का विषय है यहां के 24 प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया जा रहा है।
संतकबीर नगर : योग भारत की प्राचीन संस्कृति का आधार है। आज योग की मुरीद पूरी दुनिया है। यह हमारे जनपद के लिए गर्व का विषय है यहां के 24 प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। यह कहना है खलीलाबाद के विधायक दिग्विजयनरायण चतुर्वेदी उर्फ जय चौबे का। वह योग शिक्षक के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम के तहत उत्तीर्ण प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण समारोह के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि योग हमें स्वस्थ्य रखता है।
आर्ट आफ लिविंग के सहयोग से 11 जनवरी से 13 जनवरी तक आयोजित कार्यक्रम में इस जिले के अलावा गोरखपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर से लगभग 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। 13 जनवरी को दिल्ली और लखनऊ से आईं आयुष मंत्रालय की टीम द्वारा ऑनलाइन परीक्षा और मौखिक परीक्षा कराई गई। 30 प्रतिभागी उत्तीर्ण हुए जिसमे 10 महिलाएं भी हैं। इन सभी को आयुष मंत्रालय द्वारा योग शिक्षक का प्रमाणपत्र वितरित किया गया। संचालन अमित जैन एवं विजय प्रताप ¨सह ने किया। अमित जैन ने बताया कि हमारे देश में बहुत से लोग जो कुशल हैं, अनुभवी हैं लेकिन वे उचित प्रमाण पत्र के अभाव में नौकरी अथवा रोजगार नहीं पा सकते हैं। जनपद से 24 लोगों को योग शिक्षक का प्रमाण पत्र मिलना बड़ी उपलब्धि है। विजय प्रताप ¨सह ने आर्ट ऑफ लि¨वग की गतिविधियों के बारे में बताया। डॉ. केसी पांडेय ने योग के महत्व के बारे में बताया। रूपम गुप्ता, ऋतु जैन, शालू ¨सह, प्रियंका पांडेय, रितु मिश्रा, बीनू ¨सह आदि मौजूद रहे।