कल की चिता नहीं, हर दिन पानी की बर्बादी
यकीननजल है तो कल है..। इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। हर साल 22 मार्च को हम विश्व जल दिवस मनाते हैं। जल की उपयोगिता और इसके संरक्षण पर ढ़ेर सारी बातें होती हैं। वहीं इस दिवस के गुजरते ही लोग सारी बातें भुल जाते हैं। यही कारण है कल क्या होगा इसकी चिता किए बगैर पानी की बर्बादी जारी है।
संतकबीर नगर: यकीनन,जल है तो कल है..। इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। हर साल 22 मार्च को हम विश्व जल दिवस मनाते हैं। जल की उपयोगिता और इसके संरक्षण पर ढ़ेर सारी बातें होती हैं। वहीं इस दिवस के गुजरते ही लोग सारी बातें भुल जाते हैं। यही कारण है कल क्या होगा, इसकी चिता किए बगैर पानी की बर्बादी जारी है।
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वाटर प्लांट: रोज पानी की बर्बादी, आंखें मुंदा है प्रशासन
हाईवे पर स्थित इंडस्ट्रियल एरिया व खलीलाबाद शहर में लगभग 25 वाटर प्लांट बगैर किसी लाइसेंस अथवा पंजीकरण के चल रहे हैं। यहां पर रोजाना काफी मात्रा में पानी की बर्बादी होती है। 20 लीटर प्रति जार पानी 25 रुपये में बेच रहे हैं। इस पानी में आयरन, कैल्शियम, मिनरल्स सहित अन्य जरुरी पोषक तत्व अपेक्षित मात्रा में नहीं रहते। साफ पानी के नाम पर सेहत के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इस पर प्रशासन आंखें मुंदा हुआ है।
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एक लगाएं चाहे दस हैंडपंप, कोई रोक नहीं
शासन का मानक है कि 75 मीटर दूरी अथवा 150 की आबादी में केवल एक ही हैंडपंप रहेंगे, दूसरा नहीं। इसके बाद भी गांव हो या शहर,एक लगाएं चाहे दस हैंडपंप इस पर कोई रोक नहीं है। भूगर्भ जल का खुब दोहन हो रहा है, साथ ही इसकी बर्बादी भी। पिछले साल 27,902 इंडिया मार्क हैंडपंप-टू लगे थे। इस साल 325 लगने हैं, इसमें से 125 लग चुके हैं।
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पानी बर्बाद न करें। भूगर्भ जलस्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए जल संरक्षण करें। वाटर प्लांट के बारे में वे जानकारी लेंगे। नियम विरुद्ध चलने पर सख्त कार्रवाई होगी।
रवीश गुप्त-डीएम
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