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यहां सब्जी की खेती से संवर रही जिदगी

संतकबीर नगर सब्जी की खेती से धनघटा तहसील क्षेत्र के बैड़ारी गांव के लोगों की जिंदगी संवर रही है। आर्थिक रूप से कमजोर इन किसानों ने तीन दशक पहले अनाज की खेती को कम कर सब्जी की खेती को अपनाया। आलू फूल गोभी लौकी आदि सब्जियों की खेती से आज इनकी आर्थिक हालत काफी मजबूत हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 11:32 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 11:32 PM (IST)
यहां सब्जी की खेती से संवर रही जिदगी
यहां सब्जी की खेती से संवर रही जिदगी

संतकबीर नगर: सब्जी की खेती से धनघटा तहसील क्षेत्र के बैड़ारी गांव के लोगों की जिंदगी संवर रही है। आर्थिक रूप से कमजोर इन किसानों ने तीन दशक पहले अनाज की खेती को कम कर सब्जी की खेती को अपनाया। आलू, फूल गोभी, लौकी आदि सब्जियों की खेती से आज इनकी आर्थिक हालत काफी मजबूत हो चुकी है। गांव की सब्जी गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़ तक के बाजारों में जाती है।

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पांचू मौर्य ने करीब 30 वर्ष पूर्व गांव में सबसे पहले एक बीघा खेत में खेती शुरू की थी। धीरे-धीरे उन्होंने इससे होने वाली आय से खेत खरीदना शुरू कर दिया। पिता की मौत के बाद बेटे चंद्रिका मौर्य भी इसी राह पर चलने लगे। सब्जी की खेती से इन्होंने करीब 20 बीघा खेत खरीदा। इसके साथ ही गांव के अलावा खलीलाबाद व धनघटा में पक्का मकान बनवाए। खलीलाबाद और धनघटा में अपने स्वयं के मकान में सब्जी के बीज की दुकान चला रहे हैं। इनके भाई भी सब्जी की खेती कर रहे हैं। सब्जी की खेती से हुए आत्मनिर्भर

किसान रमेश मौर्य ने कहा कि मौसम और बाजार ने साथ दिया तो धान-गेहूं से ज्यादा सब्जी की खेती में मुनाफा है। सब्जी की खेती की बदौलत उनके गांव के अधिकांश किसान प्रगति कर रहे हैं। पहले की तुलना में गांव के लोग अब ज्यादा खुशहाल हैं। देखा-देखी हमने भी शुरू की सब्जी की खेती

संतराम मौर्य ने बताया कि किसान चंद्रिका मौर्य की देखा-देखी उन्होंने भी पहले एक बीघा खेत में सब्जी की खेती शुरू की थी। अब करीब आठ बीघे में इसकी खेती करते हैं। इसी के सहारे घर बनवाया, बेटी की शादी की। बच्चों की पढ़ाई सहित घर का सारा खर्च इसी से चल रहा है। खेती से बनवाया मकान

बैड़ारी गांव के लालजी मौर्य ने कहा कि सब्जी की खेती से खेत खरीदने के साथ ही उन्होंने पक्का मकान बनवाया। अब उन्हें कोई दिक्कत नहीं, परिवार खुशहाल है। दूसरे किसान भी हो रहे प्रेरित

किसान शिव प्रकाश मौर्य ने कहा कि उनके बैड़ारी गांव में तैयार होने वाली सब्जी आसपास के जिलों बाजारों में जाती है। उनके गांव के किसानों की देखा-देखी टेम्हा, अलाईचक, बकौली, मुठहीकलां आदि गांव के किसान भी सब्जी की खेती कर रहे हैं।


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