भारत के संविधान में सबकी समस्या का हल
भारत की एकता और अखंडता दुनिया भर के लिए मिसाल है। इसे कायम रखने में संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा और अनूठा है। इसमें सबकी समस्याओं का हल निहित है। संविधान दिवस पर मंगलवार को एचआरपीजी कालेज में गोष्ठी का आयोजन किया गया।
संतकबीर नगर: भारत की एकता और अखंडता दुनिया भर के लिए मिसाल है। इसे कायम रखने में संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा और अनूठा है। इसमें सबकी समस्याओं का हल निहित है।
संविधान दिवस पर मंगलवार को एचआरपीजी कालेज में गोष्ठी का आयोजन किया गया। राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. दिग्विजय नाथ पांडेय ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अंगीकृत किया गया था। इसका पालन करके देश को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संविधान के अनुसार चलने का संकल्प दिलाया। उन्होंने मूल कर्तव्यों और अधिकारों पर विस्तार से चर्चा की। इसी क्रम में माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय महिला महाविद्यालय पर प्राचार्य डा. धर्मेंद्र प्रताप शाही ने सभी कर्मियों को संविधान का सम्मान करने का संकल्प दिलाया। मौके पर अखंड प्रताप सिंह, डा. पुष्पलता, डा. आशाराम, रामकेवल समेत अनेक लोग मौजूद रहे।
जनपद न्यायाधीश जयशंकर मिश्रा ने दीवानी कचहरी सभागार में न्यायिक अधिकारियों व कर्मचारियों को मूल कर्तव्यों की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि संविधान देश के संचालन का लिखित विधान है। आमजन को जागरुक करने के लिए 14 अप्रैल तक शिविर लगाकर जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सत्यप्रकाश आर्य ,अपर जिला व सत्र न्यायाधीश राकेश पांडेय, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय राजेश कुमार, सिविल जज सीनियर डिवीजन शैलेंद्र यादव,जिला शासकीय अधिवक्ता आनंद राय,विजय बहादुर बघेल,एडीजीसी हेमंत कुमार,दुर्गा प्रसाद उपाध्याय, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महीप बहादुर पाल, जनपद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण मोहन मिश्र, वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, अंजय कुमार श्रीवास्तव,सीजेएम शिखारानी जायसवाल,सिविल जज अभिषेक त्रिपाठी,न्यायिक अधिकारी दीपक सिंह,आशुतोष प्रशांत शुक्ल,एडीजीसी विशाल श्रीवास्तव,अनिल सिंह, प्रभाकर मिश्र,सिद्धार्थ सहित अधिवक्ता व न्यायिक कर्मचारी मौजूद रहे।