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सरयू नदी की कटान हुई तेज, गांवों पर बढ़ा खतरा

समस्या आठ वर्ष पहले आधा दर्जन गांवों को लील चुकी है नदी पूर्व की कटान को याद कर चिंतित हैं कछार के निवासी

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 12:43 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 12:43 AM (IST)
सरयू नदी की कटान हुई तेज, गांवों पर बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता, संतकबीर नगर: धनघटा क्षेत्र के गायघाट गांव में एक बार फिर से आठ वर्ष पुराना मंजर सामने आने लगा है। समीप से बहती सरयू नदी तेजी से कटान कर रही है। नदी घरों की तरफ बढ़ने को आतुर दिख रही है। इसके अलावा कई अन्य गांवों पर भी खतरा मंडराने लगा है। इसे लेकर कछार क्षेत्र के निवासी परेशान हैं।

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गायघाट गांव कटान की जद में आ चुका है। क्षेत्रीय निवासी धर्मेंद्र, महेंद्र, सुरेश, जगवंत आदि का कहना है कि वर्ष 2013 में अशरफपुर, भिखारीपुर, मिस्त्री टोला, चपरा पूर्वी समेत लगभग आधा दर्जन गांवों को नदी समाप्त कर चुकी है। यहां के निवासी रमजंगला में सरकारी स्तर से मिले आवासों में बसर कर रहे हैं। इस बार भी कटान की सूचना देने के बाद सरकारी स्तर से रोकथाम का कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। गायघाट निवासी शेषनाथ का कहना है कि इसी तरह कटान जारी रही और प्रशासन के जिम्मेदार सोते रहे तो एक दिन उन्हें भी मकान अपने हाथों से ध्वस्त कर मलबे से ईंट व अन्य सामग्री निकालनी पड़ेगी। रामदेव, सुमित्रा देवी, कौलपाती आदि ने कहा कि खेत तो कटकर नदी में विलीन हो रहे हैं, अब मकानों पर भी संकट आ पड़ा है। सभी ने जिलाधिकारी से मामले का संज्ञान लेकर बचाव कार्य आरंभ करवाने की मांग की। नदी रुख इसी तरह बदलती रही तो करनपुर, सरैया, खरैया ढोल बजा, गुणवतिया गांव के अस्तित्व को भी खतरा पैदा हो जाएगा। ड्रेनेज खंड के सहायक अभियंता सतीश चंद्र ने बताया कि बंधे और नदी के बीच बसे गांवों की सुरक्षा का कोई उपाय नहीं है। नदी कटान करते हुए गायघाट की ओर बढ़ रही है। बंधे के अंदर कोई सुरक्षित क्षेत्र बनाना संभव नहीं है। बाढ़ से बचाव के लिए बांध की सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।


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