खेतों में मिलती लाठी, सड़कों पर जान का खतरा
संतकबीर नगर शासन की प्राथमिकता में शामिल बेसहारा पशु मेंहदावल तहसील क्षेत्र में मुसीबत म हैं। इन पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था कराने में प्रशासन नाकाम है। खेतों में इन पशुओं को लाठी मिलती है और सड़क पर हर समय जान का खतरा बना रहता है।
संतकबीर नगर : शासन की प्राथमिकता में शामिल बेसहारा पशु मेंहदावल तहसील क्षेत्र में मुसीबत में है। उनके रहने-खाने का इंतजाम करने का दावा फेल हो गया है। भूख लगने पर खेतों में जाते हैं तो लाठी मिलती है और सड़क पर हर समय जान का खतरा बना रहता है।
मेंहदावल तहसील क्षेत्र में एक स्थाई व दो दर्जन अस्थाई गोआश्रय केंद्र बने हैं। इन केंद्रों पर 800 पशुओं को भेजने का दावा अधिकारियों ने किया है। इसके बावजूद सड़कों पर सैकड़ों बेसहारा पशु घूम रहे हैं। इनके खाने व रहने का कोई इंतजाम प्रशासन व विकास विभाग नहीं करा रहा है। लाचार पशु पालीथिन को निवाला बना रहे हैं तो नालियों का गंदा पानी पीकर प्यास बुझाने को मजबूर है। फसलों की बर्बादी पर जिम्मेदार मौन
चारा न मिलने से भूख मिटाने के लिए बेसहारा पशु फसल को निवाला बनाने खेतों में जाते हैं तो उन्हें लाठी मिलती है। किसान फसल को बचाने के साथ खाद्यान्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पशुओं को पीटते व खदेड़ते हैं। किसान भी चाहते हैं कि पशुओं को आश्रय मिले पर जिम्मेदार पशुओं से फसल को बचाने के लिए गंभीर नहीं हैं और गोआश्रय केंद्र पहुंचाने में लापरवाही बरत रहे हैं।
उपजिलाधिकारी अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए मेंहदावल, सांथा व बेलहर बीडीओ को पत्र भेजा है। जल्द ही अभियान चलाकर बेसहारा पशुओं को गोआश्रय केंद्र भेजा जाएगा।
हाईलाइटर
मेंहदावल क्षेत्र के बेसहारा पशुओं को आश्रय स्थल भेजने में लापरवाही
चारा न मिलने पर पालीथिन को बना रहे निवाला, नालियों का पानी पीने को मजबूर
-पशुओं को आश्रय स्थल भेजने के लिए एसडीएम ने बीडीओ को लिखा पत्र