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सड़कों पर दौड़ते हैं खटारा वाहन, होते हैं हादसे

ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने कहा कि उन्होंने जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत एआरटीओ से पूछा कि 1012 14 पहिया ट्रक डीसीएम पिकअप मैजिक में पशुओं को लादने का क्या मानक है ? खटारा वाहन रोज सड़कों पर दौड़ रहे हैं इनके लिए खिलाफ विभाग अभियान क्यों नहीं चलाता ?

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 11:00 PM (IST)
सड़कों पर दौड़ते हैं खटारा वाहन, होते हैं हादसे
सड़कों पर दौड़ते हैं खटारा वाहन, होते हैं हादसे

संतकबीर नगर: सड़कों पर रोज खटारा वाहन दौड़ते हैं। इससे अक्सर हादसे होते हैं। लोगों की जानें जा रही हैं। न तो कभी इन वाहनों की जांच होती है और न ही इनके चालकों व मालिकों के खिलाफ कोई कार्रवाई। यातायात माह के नाम पर सिर्फ पंपलेट बांटकर खानापूर्ति कर ली जा रही है। परिवहन विभाग के आंकड़ों में जनपद की स्थिति चकाचक है। खटारा वाहनों के आने-जाने पर कोई रोक नहीं जनपद में खलीलाबाद-धनघटा व खलीलाबाद-मेंहदावल राजकीय मार्ग हो या फिर गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग। हर दिन ट्रैक्टर, जीप, डीसीएम, ट्रक, बस, टेंपो सहित अन्य खटारा वाहन इन सड़कों पर यात्री बैठाकर अथवा सामान लादकर आते-जाते हैं। अक्सर ब्रेक फेल हो जाने अथवा अन्य किसी वजह से वे दूसरे वाहन से टकरा जाते हैं या फिर अनियंत्रित होकर पलट जाते हैं। इसके चलते सिर्फ इस साल में अब तक खटारा वाहन के चलते ही आठ लोगों की मौत हो चुकी है। हैरत की बात यह है कि परिवहन विभाग नियमित रूप से वाहनों की फिटनेस की जांच नहीं करता और न ही ऐसे वाहनों के चलने पर रोक ही लगाई जाती है। यातायात पुलिस कर्मी भी खामोश रहते हैं। बगैर हेड लाइट के रात में आती-जाती हैं ट्रैक्टर-ट्रालियां बगैर हेड लाइट के गल्ला, लकड़ी का बोटा, बालू सहित अन्य सामान लादकर खटारा ट्रैक्टर-ट्रालियां रात में सड़कों पर अक्सर दिख जाती हैं। इसी तरह के कई खटारा टेंपो सवारी बैठाकर आते-जाते हैं। इसके चलते अक्सर हादसे हो रहे हैं। लोगों की जिदगियां चली जा रही हैं। ऐसे वाहनों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए न तो अभियान चलता है और न ही कोई कार्रवाई ही होती है। यातायात माह में जागरूकता के नाम पर सिर्फ पंपलेट बांटकर और कुछ विद्यालयों में गोष्ठी करके खानापूर्ति कर ली जाती है। एआरटीओ और पुलिस की मिलीभगत का यह परिणाम ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बहादुर सिंह ने कहा कि उन्होंने जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत एआरटीओ से पूछा कि 10,12, 14 पहिया ट्रक, डीसीएम, पिकअप, मैजिक में पशुओं को लादने का क्या मानक है ? खटारा वाहन रोज सड़कों पर दौड़ रहे हैं, इनके लिए खिलाफ विभाग अभियान क्यों नहीं चलाता ? दो बार एआरटीओ कार्यालय जाने पर भी उन्हें इसका जवाब अभी तक नहीं मिला। एआरटीओ और पुलिस की मिलीभगत के चलते सरकार के निर्धारित मानकों व नियमों की धज्जियां उड़ रही है। इसके चलते अक्सर हादसे हो रहे हैं।

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आंकड़ों में जनपद की स्थिति चकाचक जनपद में पंजीकृत दो पहिया वाहन-168379 जनपद में पंजीकृत चार पहिया वाहन-8788 जनपद में पंजीकृत ट्रक -3654 जनपद में पंजीकृत ट्रैक्टर -7791 कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या -188612 इस साल फिटनेस जांच इतने वाहनों का- 1300

इसमें फिट निकले वाहनों की संख्या-1040 वहीं अनफिट निकले वाहनों की संख्या-260

एआरटीओ आन्नजेय सिंह ने बताया कि जांच में अनफिट निकले वाहनों के स्वामियों को नोटिस भेजी गई। ओवरलोड वाहनों की नियमित रूप से जांच होती है। नियमों का उल्लंघन मिलने पर कार्रवाई भी की जाती है। स्थिति में सुधार लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।


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