कबीर गुफा में प्रधानमंत्री मोदी बिताएंगे वक्त
संतकबीर नगर : 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में कबीर गुफा का दर्शन भी शामिल है। क
संतकबीर नगर : 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में कबीर गुफा का दर्शन भी शामिल है। कबीर गुफा के बारे में मान्यता है कि यहां संतकबीर दास एकांतवास करते थे। यह कबीर मठ के ठीक पीछे तरफ स्थित है। यहां गुफा का यह स्वरूप संभवत: दो शताब्दी पुराना है। संभावना है कि प्रधानमंत्री यहां कुछ वक्त बिताएंगे।
कबीर के समाधि स्थान से पीछे थोड़ी दूरी पर स्थित कबीर साहब की गुफा है। यह प्राचीन वास्तुशिल्प के अनुसार निर्मित और काफी गहरी है। इसमें एक बड़े मंदिर के गर्भगृह के अंदर छोटा प्रवेश द्वार है। इसमें उत्तर दिशा से चक्र आरंभ होते हैं और चार चक्रों के बाद पूरब की तरफ अंतिम वेदी है। बीच में दो वेदियां और हैं जहां साधक बैठ सकते हैं। अपनी रहस्य साधना और एकांतवास करने के लिए कबीर दास जी गुफा में प्रवेश करते थे। गुफा के जीर्णशीर्ण हो जाने से 1980 में गुफा द्वार को बंद कर दिया गया है। इसके एक भाग में मूल वेदी तक जाने और निकलने के लिए दो अलग-अलग रास्ते बना दिए गए हैं जिसके माध्यम से श्रद्धालु दर्शन करते हैं। यहां यह कहना कठिन है कि गुफा को गोपनीय साधना के लिए कब से बंद किया गया है लेकिन साधकों को इसके आसपास रहने एवं साधना करने के लिए मठ प्रबंधन द्वारा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। वर्ष 1965 में प्रदेश सरकार द्वारा कबीर गुफा को पुरातात्विक संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया था। पुरातत्वविद डा. अजय कुमार पांडेय के अनुसार यह गुफा मध्यकालीन भारतीय स्थापत्य शैली के अनुसार निर्मित होने के साथ काफी गहरी है। इसको मूल रूप में विकसित कर दिए जाने से पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाया जा सकता है। पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गुफा के मूल स्वरूप को मरम्मत करवाकर जनता के लिए खोले जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। पीएम के आने को लेकर इस दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य हो सकते हैं। महंत विचार दास ने बताया कि गुफा का दर्शन करना प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में शामिल है। कबीर चौरा में स्थित हर भवनों का कबीरदास जी से सीधे नाता है। इसमें किसी को कम और किसी को अधिक महत्वपूर्ण नहीं कहा जा सकता है।
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