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दलालों की सक्रियता और चिकित्सकों की लेटलतीफी का दंश झेल रहे मरीज

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. ओपी चतुर्वेदी ने बताया कि सभी चिकित्सकों को समय से ओपीडी में मौजूद रहना चाहिए। यदि इसमें लापरवाही की जा रही तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। अल्ट्रासाउंड कक्ष के 11 बजे तक बंद रहने का मामला गंभीर है। इसे लेकर दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 11:09 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 11:09 PM (IST)
दलालों की सक्रियता और चिकित्सकों की लेटलतीफी का दंश झेल रहे मरीज

संतकबीर नगर : जनपद के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पर इलाज के लिए आने वालों को यहां की दु‌र्व्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। मौसम बदलने से जहां बुखार-खांसी-पेट दर्द-उल्टी आदि के मरीजों की संख्या बढ़ी है तो वहीं ओपीडी की दशा बद से बदतर हो गई है। हाल यह कि चिकित्सकों के आने का समय निर्धारित नहीं होने से लोग भीड़ में खड़े होकर परेशान होते हैं तो वहीं दलाल समय से पहले ही मुश्तैद रहते हैं।

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समय सुबह नौ बजे: ओपीडी का कमरा नंबर 12, 13 व 14 खाली रहा। कक्ष के बाहर मरीजों की भीड लगी हुई थी। कमरा नंबर 14 में डाक्टर के कुर्सी के बगल में मेडिकल स्टोर का एक कर्मी बैठा मिला। कमरा नंबर 20 में डा. एलसी यादव, कमरा नंबर 22 में डा. एके चौधरी, कमरा नंबर 23 में चीफ फार्मासिस्ट एके वर्मा, 21 में डा. शिवओम भू व डा. एसपी सिंह, 16 में बाल रोग विशेषज्ञ डा. आरपी राय व डा. रोहित पांडेय मरीजों को देख रहे थे। सावित्री देवी, मनिराम आदि ने बताया कि अस्पताल पर मौजूद दलाल सभी को बरगलाकर अपनी दुकानों से दवाएं खरीदने का दबाव बनाते हैं। कुछ दलाल यहां से निजी अस्पतालों में चलने का लालच भी दे रहे हैं।

दिन में 11 बजे : अल्ट्रासाउंड कक्ष के सामने भारी भीड़ जमा रही। अमरजीत, रितेश्वरी देवी ,राजेंद्र प्रसाद आदि ने बताया कि सुबह सात बजे से ही वह लोग बैठे हैं, पर अभी तक अल्ट्रासाउंड कक्ष का ताला नहीं खुला है। दो दिन से वह लोग लगातार आ रहे हैं।

समय 11.30 बजे: महिला कक्ष में स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शशि सिंह, डा. शैलजा चौधरी महिलाओं को देख रही थीं। अभी भी अस्पताल में कई चिकित्सक नहीं पहुंचे थे। मरीजों से अस्पताल पूरी तरह से भरा था। चिकित्सक के न मिलने से कई लोग परेशान दिखे।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. ओपी चतुर्वेदी ने बताया कि सभी चिकित्सकों को समय से ओपीडी में मौजूद रहना चाहिए। यदि इसमें लापरवाही की जा रही तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। अल्ट्रासाउंड कक्ष के 11 बजे तक बंद रहने का मामला गंभीर है। इसे लेकर दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा। कुछ चिकित्सक बिना सूचना के अस्पताल से गायब रह रहे हैं, इनके बारे में शासन को लिखा जाएगा।


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