अब शराब माफिया गैंग के सरगना की तलाश
हरियाणा निर्मित शराब को बिहार में पहुंचाने के लिए यह जिला सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। चूंकि बिहार में शराब के बनाने बेंचने पर प्रतिबंध है। शौकिनों के शौक को पूरा करने के लिए धंधेबाज चोरी-छिपे बिहार में शराब पहुंचाते हैं। ऐसा करके ये मोटी रकम कमाते हैं।
संतकबीर नगर: हरियाणा निर्मित शराब को बिहार में पहुंचाने के लिए यह जिला सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। चूंकि बिहार में शराब के बनाने, बेंचने पर प्रतिबंध है। शौकिनों के शौक को पूरा करने के लिए धंधेबाज चोरी-छिपे बिहार में शराब पहुंचाते हैं। ऐसा करके ये मोटी रकम कमाते हैं। इस खेल में इस जनपद के लोग भी शामिल हैं, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। रविवार की भोर में 51 लाख रुपये मूल्य की अंग्रेजी शराब की बरामदगी ने इसे सच साबित कर दिया है। अब शराब माफिया गैंग के सरगना की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
पहले गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर इंडस्ट्रियल एरिया में एसपी कार्यालय चल रहा था। पांच साल पहले एसपी कार्यालय के बगल में शराब फैक्ट्री पकड़ी गई थी। यहां पर नकली शराब तैयार किया जाता था। वहीं चार वर्ष पूर्व डब्लू कोड से जिले में विभागीय मिलीभगत से चल रहे अवैध शराब के खेल का भंडाफोड़ हो चुका है। इस मामले में तत्कालीन सीओ पर शराब माफिया भारी पड़े थे। इनकी सक्रियता की वजह से इनका स्थानांतरण पीएससी सोनभद्र के लिए कर दिया गया था।
रविवार को स्वाट व कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने अंग्रेजी शराब के साथ छह लोगों की गिरफ्तारी की है। एसपी ने बताया कि शराब कारोबार का मास्टर माइंड सुरेश सोनी गांव मीरका थाना व जनपद हिसार-हरियाणा का रहने वाला है। यह सरगना शराब की खेप के साथ सड़कों पर चार पहिया वाहन से चलकर मुखबिरी करता था। गोदामों से शराब का सैंपल लेकर बिहार ले जाता है। पुलिस इनकी तलाश में जुटी हुई है।
एसपी ब्रजेश सिंह ने बताया कि पकड़े गए अवैध शराब के भंडारण व वितरण सहित अन्य बिदुओं की जांच के लिए टीम गठित की गई है। इसकी मानिटर्रिंग एएसपी असित श्रीवास्तव व सीओ आनंद पाण्डेय करेंगे। विवेचना में जो भी लिप्त मिलेगा, चाहे वह पुलिस कर्मी हो या फिर अन्य, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।