अब दवा कारोबारियों को भी लेना होगा खाद्य एवं औषधि विभाग का लाइसेंस
सालाना 12 लाख रुपये या इससे अधिक का खाद्य वस्तु बेंचने वाले दवा विक्रेता आएंगे दायरे में
संतकबीर नगर: अब दवा कारोबारियों को भी खाद्य एवं औषधि विभाग का लाइसेंस लेना होगा। सालाना 12 लाख रुपये या इससे अधिक का खाद्य वस्तु बेंचने वाले दवा विक्रेता दायरे में आएंगे। अगले माह यानी जून में इस विभाग के अधिकारी दुकानों की जांच करेंगे। लाइसेंस न मिलने पर संबंधित दवा विक्रेता के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
जनपद के शत-प्रतिशत विक्रेता अब तक औषधि विभाग से जारी लाइसेंस पर दवा की दुकान चला रहे थे। चूंकि अधिकतर विक्रेता दुकान में दवा के साथ ही बोर्नविटा, वीवा, हार्लिक्स सहित अन्य खाद्य वस्तु बेंच रहे हैं। अब शासन के दिशा-निर्देश पर इन्हें यह सब सामग्री बेंचने के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग से लाइसेंस लेना होगा। इसमें सालाना 12 लाख रुपये या इससे अधिक का खाद्य वस्तु बेंचने वाले दवा विक्रेता इसके दायरे में आएंगे। लाइसेंस बनवाने के लिए इन्हें विभागीय पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। अगले माह यानी जून में इस विभाग के अधिकारी जनपद के सभी मेडिकल स्टोर की जांच करेंगे। लाइसेंस न मिलने पर संबंधित मेडिकल स्टोर के संचालक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। अभिहित अधिकारी (डीओ) जेपी तिवारी ने कहा कि सभी मेडिकल स्टोर संचालक जल्द से जल्द आवेदन कर लाइसेंस प्राप्त कर लें। जांच के दौरान लाइसेंस न मिलने पर संबंधित मेडिकल स्टोर के संचालक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। साबूदाना, नमकीन समेत तीन खाद्य वस्तुओं के नमूने जांच में फेल
संतकबीर नगर: राजकीय प्रयोगशाला से आई जांच रिपोर्ट में साबूदाना, नमकीन समेत तीन खाद्य वस्तुओं के नमूने फेल हुए हैं। इस पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के डीओ संबंधित विक्रेताओं के विरुद्ध एडीएम वित्त एवं राजस्व की कोर्ट में वाद दायर करने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) धर्मराज शुक्ल ने आठ अक्टूबर 2021 को महुली के चेरापूरा गांव स्थित परजीत कुमार के किराने की दुकान से साबूदाना का नमूना लिया था। इन्होंने 13 जनवरी 2022 को महुली के मझगावां स्थित शिवम की दुकान से नमकीन का नमूना लिया था। इसके अलावा एफएसओ राजमणि प्रजापति ने चार जनवरी 2022 को धनघटा के शनिचरा बाजार स्थित पिटू ट्रेडर्स के यहां से टाफी का नमूना लिया था। अभिहित अधिकारी (डीओ) जेपी तिवारी ने कहा कि इन तीनों नमूनों की गुणवत्ता की जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला में भेजा गया था। जांच रिपोर्ट में ये तीनों नमूने अधोमानक मिले हैं। संबंधित कारोबारियों के विरुद्ध एडीएम वित्त एवं राजस्व की कोर्ट में वाद दायर करने की तैयारी की जा रही है।