संतकबीर नगर के 2.36 लाख किसानों का बनेगा केसीसी
जनपद में लगभग 2.95 लाख किसान खेती-किसानी पर निर्भर हैं। हर साल लगभग 94 हजार हेक्टेयर में धान व 93 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की जाती है। जनपद के 2.36 लाख किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ पा रहे हैं।
संतकबीर नगर : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ उठा रहे जनपद के सभी दो लाख 36 हजार किसानों के लिए खुशखबरी है। जनपद के इन सभी किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनेगा। इसके लिए कृषि विभाग जल्द ही अभियान शुरू होने वाला है। इस नवीन पहल से जिले के किसान केसीसी के जरिए बैंक से सस्ता कर्ज लेकर खेती-किसानी को और समृद्ध कर सकेंगे।
जनपद में लगभग 2.95 लाख किसान खेती-किसानी पर निर्भर हैं। हर साल लगभग 94 हजार हेक्टेयर में धान व 93 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की जाती है। जनपद के 2.36 लाख किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ पा रहे हैं। अब तक जिले में केवल 83767 किसानों का ही केसीसी बन पाया है, बाकी का नहीं। इस सुविधा से वंचित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों का केसीसी बनाने के लिए कृषि विभाग के पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल पर एक आप्लीकेशन साफ्टवेयर विकसित किया गया है। इस पर आधार संख्या के साथ आनलाइन आवेदन प्राप्त किया जाएगा। ऐसे पशुपालक व मत्स्य पालक जिनका पूर्व में केसीसी बन चुका है, वे केसीसी की वित्तीय सीमा बढ़ाने के लिए भी आवेदन कर सकेंगे।
जिला कृषि अधिकारी पीसी विश्वकर्मा ने बताया कि कृषि विभाग इसके लिए जिले में जल्द अभियान चलाएगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों को इसके लिए जागरूक किया जाएगा। घर बैठे ऐसे करें आनलाइन आवेदन
केसीसी सुविधा से वंचित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी घर बैठे एंड्रायड मोबाइल से या फिर निकट के सहज सेवा केंद्र, कंप्यूटर सेंटर से पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल ह्वश्चड्डद्दह्मद्बष्ह्वद्यह्लह्वह्मद्ग.ष्श्रद्व पर आनलाइन आवेदन कर सकेंगे। जनपद का नाम चयन करने के बाद अपना आधार संख्या या पीएम किसान सम्मान निधि का पंजीकरण संख्या अंकित करके क्लिक करना होगा। इस पर उनका बैंक खाता संख्या, भूमि सहित संपूर्ण सूचना प्रदर्शित होगी। बोई गई फसल का विवरण फीड करके अपनी पासपोर्ट साइज फोटो की साफ्ट कापी अपलोड करनी होगी। संबंधित किसान के पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी आएगा। ओटीपी फीड करते ही डाटा सत्यापन के लिए संबंधित तहसील के राजस्व विभाग के लागिन पर पहुंच जाएगा।