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सात वर्ष से बिना चिकित्सक के चल रहा अस्पताल

सांथा ब्लाक के हरैया गांव में स्थित है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 11:51 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 11:51 PM (IST)
सात वर्ष से बिना चिकित्सक के चल रहा अस्पताल
सात वर्ष से बिना चिकित्सक के चल रहा अस्पताल

संतकबीर नगर : सांथा ब्लाक के हरैया गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का निर्माण वर्ष 2001 में कराया गया था। अस्पताल का निर्माण होने के बाद यहां पर चिकित्सक की तैनाती हुई। फार्मासिस्ट व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के बलबूते गांव के लोगों का उपचार होने लगा। एक दशक तक सब कुछ ठीक-ठाक चला, लेकिन पिछले सात वर्ष से अस्पताल बिना चिकित्सक के है। यहां किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य समस्या होने पर मेंहदावल या जिला अस्पताल जाना पड़ता है।

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ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेइसके लिए दो दशक पूर्व ग्रामीण क्षेत्र के अनेक गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया था। धीरे-धीरे अस्पताल अव्यवस्था, रखरखाव के अभाव में बदहाल होते चले गए। जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। जिसके कारण गांव में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। प्राथमिक उपचार के अलावा इस अस्पताल में मरीजों को कोई सुविधा नहीं मिल पाती है। क्षेत्र के टोटहा, सिग्हाभंडा, रैधरपार, मुसहरा, सेवहाचौबे, सेवहा बाबू, बरईपार, अमरहा, करहना, पिपरा, सहित 28 गांवों के लोग इस अस्पताल पर निर्भर हैं। लंबे समय से चिकित्सक की तैनाती की मांग भी उठ रही है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। क्या कहते हैं लोग

क्षेत्रीय निवासी आजाद खान का कहना है कि अस्पताल का निर्माण होने के बाद यहां लोगों को बेहतर उपचार मिल पा रहा था। पिछले कई वर्षों से चिकित्सक के अभाव में लोग इस अस्पताल पर जाने से कतरा जाते हैं। राधेश्याम चौधरी का कहना है कि अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं है। एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, खून जांच की व्यवस्था न होने से किसी भी गंभीर बीमारी का उपचार नहीं हो पाता है। लगातार मांग के बाद भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। फिरोज खान का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बेहतर उपचार मिलने से लोगों को दूरदराज उपचार के लिए नहीं जाना पड़ता था। रामचंद्र शुक्ल का कहना है कि जिम्मेदारों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर इन अस्पतालों की व्यवस्था को सुधारा जाता तो आज कोरोना के समय में गांव-गांव लोगों को बेहतर उपचार मिल पाता। जिससे जिला अस्पताल व अन्य अस्पतालों पर कम दबाव पड़ता। चिकित्सक की तैनाती को लेकर जिम्मेदारों को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

अजय कुमार त्रिपाठी, एसडीएम, मेंहदावल।


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