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हाईवे पर 24 किमी दूरी में 25 जगह कटे डिवाइडर

संतकबीर नगर गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मगहर से लेकर टेमा रहमत तक 24 किमी के दायरे में 25 स्थानों पर उिवाइडर काटने से दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। शिकायत के बाद अधिकारी ने डिवाइडर नहीं बनाए और मौन साधे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 11:33 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 11:33 PM (IST)
हाईवे पर 24 किमी दूरी में 25 जगह कटे डिवाइडर

संतकबीर नगर: गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मगहर से लेकर टेमा रहमत तक 24 किमी की दूरी में 25 जगह डिवाइडर काटे गए हैं। हाईवे पर ढाबा, दुकान चलाने वाले लोगों द्वारा निजी स्वार्थ में डिवाइडर काटने से दुर्घटनाएं बढ़ीं और कई जिदगियां चली गईं। कई लोगों की मौत के बाद भी अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की और मौन साधे हैं।

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इस जनपद में बंगलाताल, भैंसही, सेमरा, मगहर-दुर्गा मंदिर, डीघा समेत 25 जगहों पर पर डिवाइडर कटे हुए हैं। हर दिन कटे डिवाइडर के जरिए लोग साइकिल, मोटरसाइकिल, चार पहिया अथवा पैदल एक से दूसरे लेन पर जाते हैं और वाहन की चपेट में आ जाते हैं। 15 नवंबर 2020 को लखनऊ से आ रही अर्टिगा कार कटे डिवाइडर से एक लेन से दूसरे लेन पर जाते समय ट्रक से टकरा गई थी। इस घटना में देवरिया के चार व कुशीनगर जिले के पांच लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। इसके पूर्व में भी इसके वजह से कई बार हादसे हो चुके हैं। लोगों की जान जा चुकी है। हैरत की बात यह है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

हाईवे पर अवैध पार्किंग से बढ़े हादसे दिसंबर-2019 में घने कोहरे की वजह से गोरखपुर की तरफ जा रही यात्रियों से भरी बस डीघा बाईपास के पास खड़ी ट्रक से टकरा गई थी। इस घटना में देवरिया सहित अन्य जनपदों के चार लोगों की मौत हो गई थी। इस तरह की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। हाईवे पर खड़े वाहनों से टकराने की वजह से अब तक तमाम लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद भी हाईवे पर भुजैनी, चुरेब, डीघा सहित कई स्थानों पर रोज अवैध पार्किंग स्थल पर भारी वाहन खड़े किए जाते हैं। इस ओर अधिकारियों का जरा भी ध्यान नहीं है।

ओवरलोडिग भी हादसे की प्रमुख वजह

हाईवे पर हो रहे हादसे की प्रमुख वजह ओवरलोडिग भी है। ट्रक व ट्रेलर में तय क्षमता से अधिक वजन लादकर ले जाया जाता है। परिवहन विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर सिर्फ धनउगाही करते हैं। इसलिए इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं होती। ओवरलोड बड़े वाहन अनियंत्रित होकर दूसरे वाहन से टकरा जाते हैं। सिर्फ एक साल में इसकी वजह से एक दर्जन से अधिक हादसे हो चुके हैं। इसमें चालक, खलासी समेत छह लोगों की जान जा चुकी है।

यातायात सुरक्षा के इन बिदुओं पर दें

-कभी नशे में गाड़ी न चलाएं

-दोपहिया वाहन सवार हेलमेट लगाएं

-चार पहिया सवार सीट बेल्ट लगाएं

-सफर के दौरान गति पर नियंत्रण रखें, ओवरटेक से बचें

-वाहन की लाइट, हार्न, ब्रेकर सदैव ठीक रखें

-सड़क पर लगे बोर्ड में जितनी गति लिखी हो, उतने में ही वाहन चलाएं।

-कट, मोड़, तिराहा, चौराहा पर गति धीमी कर्रे

-वाहनों की फिटनेस की जांच नियमित कराएं

--------कोट-----------

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को कटे डिवाइडर ठीक कराने व अवैध पार्किंग खत्म कराने के लिए पत्र भेजा जाएगा। सड़क हादसों की प्रमुख वजहों पर नियंत्रण के लिए सार्थक पहल होगी। आम जनमानस को भी इस पर सचेत रहना चाहिए और यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाने चाहिए।

दिव्या मित्तल-जिलाधिकारी --------------------


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