बुनकरों की समस्याओं पर ध्यान दे सरकार
बुनकर सभा के जिलाध्यक्ष हाजी इमामुद्दीन अंसारी ने कहा कि बीते दिनों खलीलाबाद के 10 बुनकरों पर विद्युत चोरी का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया था। मेंहदावल व बखिरा के बुनकरो के खिलाफ बिजली बिल बकाए को लेकर आरसी जारी करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है।
संतकबीर नगर : उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के बैनर तले बुनकरों ने बुधवार को जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित छह सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बुनकरों पर दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिए जाने की मांग की गई है। इसके साथ ही बुनकरों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर देखने की अपील की।
बुनकर सभा के जिलाध्यक्ष हाजी इमामुद्दीन अंसारी ने कहा कि बीते दिनों खलीलाबाद के 10 बुनकरों पर विद्युत चोरी का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया था। मेंहदावल व बखिरा के बुनकरो के खिलाफ बिजली बिल बकाए को लेकर आरसी जारी करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि सभी बुनकर पासबुक से अपना पैसा जमा करते हैं। शासनादेश के अनुसार किसी भी प्रकार की जांच बिना बुनकर प्रतिनिधियों की मौजूदगी के नहीं की जा सकती है। नियमों को तोड़कर बुनकरों पर कार्रवाई की गई है। प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल द्वारा घोषणा के बाद भी बुनकरों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए हैं। इससे बुनकर भयभीत हैं। डीएम दिव्या मित्तल को दिए ज्ञापन में मगहर की बंद कताई मिल को चालू करने समेत अनेक मांगे शामिल हैं। नसीम अंसारी, इलियास अंसारी,सलाहुद्दीन अंसारी, सरफुद्दोजा,शमीम अंसारी, मो. वसी,कामिल अंसारी नूरुल्लाह,याकूब अंसारी,याहिया अंसारी,कौशर अली एखलाक आदि बुनकर मौजूद रहे।
बा में संविदा की बहाली पर पुनर्विचार करने की मांग
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पूर्व में कार्यरत शिक्षकों ने बुधवार को जिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपा। शिक्षकों के संविदा बहाली पर पुनर्विचार करने की मांग की। दो पूर्णकालिक व आठ अंशकालिक शिक्षकों की सेवा समाप्ति का हवाला लेकर सेवा में लेने की गुहार लगाई।
जिलाधिकारी से मिलकर पूर्व में तैनात रहे शिक्षकों ने कहा है कि नवीनीकरण व पदस्थापन के संबंध में पूर्व में नोडल अधिकारी को पत्र सौंपा गया था। बीते 21 दिसंबर को 10 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। शिक्षकों ने कहा कि पूर्व में जिम्मेदारों द्वारा की गई नियुक्तियों पर पर्दा डाला गया है। जब शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई तो वह लोग मुख्य विकास अधिकारी से मिलकर अपना पक्ष रखे थे। उन्होंने आश्वस्त किया था कि शिक्षकों का भी पक्ष सुना जाएगा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गणेश प्रसाद सिंह, विजस कुमार राय, अखिलेश शुक्ला, शैलेष कुमार, शैलेंद्र पाल, प्रदीप विश्वकर्मा मौजूद रहे।