क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद न होने से भटक रहे किसान
संतकबीर नगर कोरोना महामारी के चलते किसानों की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। ऐसे में किसानों का गेहूं सरकारी मूल्य पर नहीं बिक पाने से उनके सामने आर्थिक संकट और गहराता जा रहा है।
संतकबीर नगर : कोरोना महामारी के चलते किसानों की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। ऐसे में किसानों का गेहूं सरकारी मूल्य पर नहीं बिक पाने से उनके सामने आर्थिक संकट और गहराता जा रहा है। सेमरियावां ब्लाक के पैली न्याय पंचायत स्थित गेहूं क्रय केंद्र पर खरीदारी न होने से किसान काफी परेशान हैं। इस न्याय पंचायत के लाहुरादेवा, गरथवलिया, उसरी, धर्मपुरा, तेनुहारी दोयम, तेनुहारी अव्वल, तेनुहारी सोयम, थवईपार, कुसमौनी, चमरसन गांव के किसानों का गेहूं घरों में पड़ा है। किसानों ने जिलाधिकारी से गेहूं खरीद की तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था कराने की मांग की है। शनिवार को क्रय केंद्र पर पहुंचे संवाददाता को केंद्र बंद मिला। संचालक का मोबाइल भी बंद था। स्थानीय लोगों ने बताया कि क्रय केंद्र के संचालक बाबूराम चौधरी करीब एक महीने से कोरोना संक्रमित हैं। जिसकी वजह से केंद्र पर खरीदारी नहीं हो पा रही है। उसरी गांव के रहने वाले प्रमोद त्रिपाठी ने बताया कि शुरूआत में केंद्र करीब एक हफ्ते चला था, उसके बाद से बंद है। वह कहते हैं कि धान की खेती का समय आ गया है। पैसों की अत्यंत आवश्यकता है। गेहूं न बिकने के कारण आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। लहुरादेवा के आत्मा प्रसाद ने बताया कि कोरोना काल में हम लोग वैसे ही काफी परेशान हैं। ऐसे में केंद्र पर गेहूं की खरीद न होना उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है। उसरी निवासी ईश्वर चंद ने बताया कि हम किसानों के आय का मुख्य श्रोत गेहूं और धान की फसल ही है। बिक्री न होने से गेहूं की फसल कटकर घरों में है। उसरी के विनय बताते हैं कि क्रय केंद्र बंद होने की वजह से बड़ी संख्या में किसान अपना गेहूं नहीं बेंच पा रहे हैं। बिचौलिए यह बात जानते हैं, इसलिए प्रतिदिन गांव में घूम कर किसानों की मजबूरी का फायदा उठाना चाह रहे हैं। इतना ही नहीं गेहूं की फसल को कम मूल्य पर बेचने के लिए दबाव भी बना रहे हैं। तेनुहारी दोयम के विपिन राय ने बताया कि बरसात शुरू हो गई है। धान की रोपाई के लिए धान का बीज डालना अनिवार्य हो गया है। ऐसे में धान का बीज और खाद के लिए पैसे नहीं हैं। तेनुहारी दोयम निवासी कुलदीप पांडेय ने बताया कि केंद्र न चलने के कारण कुछ किसानों ने मजबूर होकर गेहूं बिचौलियों के हाथ बेंच दिया है। अगर तत्काल कोई व्यवस्था नहीं बनाई जाती है तो पैली न्याय पंचायत के सभी किसान अपना गेहूं बिचौलियों के हाथ बेचने को मजबूर हो जाएंगे।
एसडीएम राज नारायण त्रिपाठी ने कहा कि किसानों के बारे में जानकारी मिली है। केंद्र बंद होने के कारण उनके फसल की खरीददारी नहीं हो पा रही है। वह जल्द ही किसी दूसरे केंद्र पर संबंधित किसानों की फसल को बेंचवाने की व्यवस्था कराएंगे।