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सब्जी की खेती से आत्मनिर्भर हो रहे किसान

किसान परंपरागत धान व गेहूं की खेती से दूरी बनाकर सब्जी की खेती में किस्मत आजमा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 11:07 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 11:07 PM (IST)
सब्जी की खेती से आत्मनिर्भर हो रहे किसान
सब्जी की खेती से आत्मनिर्भर हो रहे किसान

संतकबीर नगर : सांथा विकास खंड का धर्मसिंहवा क्षेत्र संतकबीर नगर व सिद्धार्थनगर जनपद की सीमा पर स्थित है। यह क्षेत्र सब्जी की खेती के रूप में पिछले दो दशक से अलग पहचान बना चुका है। यहां के किसान परंपरागत धान व गेहूं की खेती से दूरी बनाकर सब्जी की खेती में किस्मत आजमा रहे हैं। कभी यह इलाका पिछड़ा था आज समृद्ध हो चुका है।

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धर्मसिंहवा क्षेत्र में गोभी, मटर, करेला, भिडी, परवल, पत्ता गोभी, केला सहित अन्य सब्जियों की पूरे साल पैदावार की जाती है। तिल व मूंगफली की भी खेती यहां के किसान करते हैं। मेंहदावल व खलीलाबाद के सब्जी के थोक व्यापारी खेतों से सब्जी खरीद लेते हैं। सब्जी की खेती करके क्षेत्र के कई किसान समृद्ध हुए हैं तथा अपने उन्नति से लोगों को भी सब्जी की खेती की तरफ अग्रसर कर रहे हैं। हालांकि धर्मसिंहवा क्षेत्र में काला नमक व संभा मसूरी धान की पैदावार भी बेहतर होती है, लेकिन सब्जी की खेती अब यहां के लोगों की पहली पसंद बन गई है। किसानों के परिश्रम से खेत उगल रहा सोना

धर्मसिंहवा के टोटहा गांव निवासी रामदरश मौर्य पिछले एक दशक से सब्जी की खेती कर रहे हैं। दो एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल में यह वर्षभर वे गोभी, परवल, भिडी, नेनुवा, लौकी, पत्ता गोभी, प्याज आदि की सब्जी उगाते हैं। सब्जी की खेती के बलबूते इनके पास अपना खुद का ट्रैक्टर- ट्राली, पक्का मकान व अन्य उपकरण मौजूद है। रामदरश का कहना है कि सब्जी की खेती से प्रतिवर्ष उनके दो एकड़ खेत से करीब पांच से आठ लाख रुपये की बचत आसानी से हो जाती है। इसी प्रकार गांव निवासी रामनाथ यादव भी सब्जी की खेती करके आर्थिक तरक्की कर रहे हैं। लगभग 10 वर्ष पूर्व इन्होंने धान व गेहूं की फसल से दूरी बनाकर सब्जी की खेती शुरू की थी। शुरू में एक एकड़ से कम खेत में सब्जी उगाना शुरू किया।फायदा मिला तो अब तीन एकड़ भूमि पर यह सब्जी की खेती करने लगे। हाल है कि पूरे वर्ष इनके खेतों में मौसमी सब्जी तैयार मिलती है। अब धर्मसिंहवा क्षेत्र के कई गांवों के अनेक किसान सब्जी की खेती को प्राथमिकता देने लगे हैं।


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