इस्लाम के लिए हजरत इमाम हुसैन ने दी शहादत
संतकबीर नगर : हजरत इमाम हुसैन ने अपने तमाम साथियों व अपने खानदान की कुर्बानी हक और सफाकत की राह में
संतकबीर नगर : हजरत इमाम हुसैन ने अपने तमाम साथियों व अपने खानदान की कुर्बानी हक और सफाकत की राह में खुद शहादत दी।
शहादत की घटना के बाद उसी समय से गम-ए- इजहार किया जा रहा है। हजरत इमाम हुसैन और कर्बला के शहीदों की यादगार माह मोहर्रम ताजियां, मार्शियों, रब्बानी, नौहरखानी, तकरीरों आलम, व जलूसों के साथ हर वर्ष मनाया जाता है। इसमें यादगार गम का इजहार करते हैं कि किस तरह कर्बला के मैदान में कत्लेआम हुए और नबी के नवासे हजरत इमाम हुसैन अ. उनके साथी व खानदान के लोगों को प्यासे ही दर्दनाक माहौल में शहीद हुए। यह बातें शुक्रवार को ताजिया जुलूस में मौलाना ने कही। इस मौके पर हैदर जैदी, अब्बास हैदर जैदी, एहसान हैदर जैदी, अमीन हैदर, नकी हैदर, आफताब हैदर इकराम, सज्जाद, जैगम रजा, सबद रजा आदि मौजूद रहे। शुक्रवार को मेहदावल में धौरापार से ताजियों के नगर पंचायत के सामने आने के बाद नगर की
ताजियों के निकलने का दौर शुरु हुआ। यहां से एक साथ मिलकर सभी ताजियों को नायक टोला में ले जाकर फातिहा पढ़ने के बाद टड़वरिया चौराहा होकर फरदहा स्थित कर्बला पर ले जाया गया। यहां ताजियों को दफन करने के बाद कार्यक्रम समाप्त हुआ। मेहदावल कस्बे में मुहर्रम के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए। एसडीएम जसधीर ¨सह, सीओ आनंद पांडेय और थानाध्यक्ष गौरव ¨सह समेत बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए ताजियों के साथ चलते दिखे। मेहदावल में कोई शिया नहीं है फिर भी यहां मोहर्रम सुन्नी व ¨हदुओं ने मिलजुल मनाया। इसी प्रकार बेलहर, दुधारा, नंदौर, सांथा आदि क्षेत्रों में परंपरागत ढंग से जुलूस निकाल कर ताजिया दफन हुई।