सर्द हवाओं से गलन बढ़ी, ठिठुरे लोग
संतकबीर नगर सर्द हवाओं व शीतलहर से शुक्रवार को अत्यधिक गलन रही। लोगों ने ठिठुरते हुए रात व दिन काटे। घने कोहरे से सड़क पर आने-जाने लोग कांप रहे थे।
संतकबीर नगर: सर्द हवाओं व शीतलहर से शुक्रवार को अत्यधिक गलन रही। लोगों ने ठिठुरते हुए रात व दिन काटे। घने कोहरे से सड़क पर आने-जाने लोग कांप रहे थे। शहर और देहात में तमाम लोग अलाव के पास बैठकर हाथ-पांव सेंकते हुए दिखे। सड़कों व बाजारों में पहले की अपेक्षा कम चहल-पहल रही। इस दिन अधिकतम 17.0 और न्यूनतम तापमान 07.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
भोर में चार बजे से लेकर सुबह आठ बजे तक तथा शाम के छह बजे से लेकर देर रात तक घना कोहरा छाया रहा। इसकी वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग गोरखपुर-लखनऊ व राजकीय मार्ग खलीलाबाद-धनघटा व खलीलाबाद-मेंहदावल पर वाहनों की चाल काफी धीमी रही। सर्द हवाओं के चलने से लोगों ने अत्यधिक गलन महसूस किया। इस दिन सुबह के नौ बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक खलीलाबाद के चंद्रशेखर तिराहा पर काम पाने की उम्मीद में खड़े तमाम मजदूरों को निराशा हाथ लगी। ठेकेदार व अन्य लोगों के काफी कम आने से इन्हें काम नहीं मिल पाया। इसकी वजह से
इनके माथे पर चिता की लकीरें देखी गई। इसके अलावा खलीलाबाद के गोला बाजार, मुखलिसपुर तिराहा सहित अन्य स्थानों पर सराफा, श्रृंगार प्रसाधन, कपड़ा सहित अन्य दुकानों पर ग्राहकों की संख्या काफी कम दिखीं।
मेंहदावल के अलावा सांथा, बेलहर, धर्मसिंहवा, नंदौर, दुधारा आदि स्थानों पर अलाव नहीं जलाए जा रहे हैं। बिजली कटौती के बीच अत्यधिक गलन से लोगों का बुरा हाल है। सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है। रोजी-रोटी के लिए इन्हें ठंड में सड़कों पर निकलना पड़ रहा है। मेंहदावल में आश्रय नहीं मिलने के कारण गोवंशीय पशुओं को भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे ठीठुरना पड़ रहा है। पशुओं को आश्रय देने का दावा मेंहदावल में हवा-हवाई साबित हो रहा है। चारा-पानी के अभाव में तमाम बेसहारा पशु बाग-बगीचों व खुले मैदान में शरण लिए हुए हैं। सब कुछ जानते हुए भी प्रशासन व विकास महकमा अनजान बना हुआ है।