बुखार में कहीं भटकें नहीं, पहुंचे सरकारी अस्पताल
बुखार के इलाज में की गई देरी मरीज की बढ़ा सकती है परेशानी
संतकबीर नगर : अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मोहन झा ने कहा कि किसी को भी बुखार होता है तो वह इधर-उधर भटकने के बजाय सीधे नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे। यही नहीं अपने मन से या किसी से पूछकर मेडिकल स्टोर से खरीदकर भी कोई दवा न खाएं। अगर आपके पास साधन नहीं हो तो मुफ्त में एंबुलेंस सुविधा का प्रयोग करें। बच्चों में होने वाले बुखार के प्रति तो और सतर्कता की जरूरत है। बुखार के इलाज में की गई देरी मरीज की परेशानी बढ़ा सकती हैं।
तेजी से गांव और शहर में फैल रहे बुखार के संबंध में स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने में जुटा है। शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय में डा. मोहन झा चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जिले की हर स्वास्थ्य इकाई पर चिकित्सकों के साथ ही बेहतर दवाइयां उपलब्ध हैं। ऐसे में किसी अप्रशिक्षित चिकित्सक या फिर मेडिकल स्टोर आदि चलाने वालों से बुखार आदि की दवाएं कदापि न लें। ऐसा करने से उनका बुखार और भी बढ़ सकता है तथा बड़ा रूप ले सकता है। जिले की आशा कार्यकर्ताओं को भी निर्देश दिया गया है कि वे क्षेत्र में बुखार के प्रति लोगों को जागरूक करें। बच्चों के लिए अस्पतालों में 48 आइसीयू बेड
डा. मोहन झा ने बताया कि बच्चों के इलाज के लिए जिले में छह ईटीसी कार्यरत हैं। इनमें प्रशिक्षित स्टाफ नर्स के साथ ही साथ चिकित्सक हैं। इसके अतिरिक्त हैंसर व मेंहदावल आइसीयू में 12 बेड हैं। वहीं जिला अस्पताल में 12 आइसीयू बेड हैं। इसके अतिरिक्त जिला अस्पताल परिसर में बने जेई एईएस ट्रीटमेंट सेंटर में 24 अतिरिक्त बेड हैं। इस प्रकार कुल 48 बेड इंसेंटिव केयर यूनिट के हैं जो आक्सीजन और वैंटिलेटर से लैस हैं। इनको प्रशिक्षित आइसीयू स्टाफ द्वारा 24 घंटे संचलित किया जाता है।