जलस्तर बढ़ने से डूबने लगी फसलें
धनघटा तहसील क्षेत्र में बह रही सरयू नदी का जल स्तर स्थिर तो हो गया है लेकिन अब भी किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। कई दिनों से खेतों ने पानी लगने से किसानों की जमा पूंजी डूबने की आशंका बलवती हो गई है।
संतकबीर नगर: धनघटा तहसील क्षेत्र में बह रही सरयू नदी का जल स्तर स्थिर तो हो गया है, लेकिन अब भी किसानों के खेतों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। कई दिनों से खेतों ने पानी लगने से किसानों की जमा पूंजी डूबने की आशंका बलवती हो गई है। किसानों का मानना है कि अब अगर नदी में थोड़ा भी पानी बढ़ गया और बाढ़ का पानी खेतों से नहीं हटा तो सभी किसान पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।
तहसील क्षेत्र में बह रही सरयू नदी शुक्रवार को 79.00 मीटर पर बह रही थी। शनिवार को भी नदी का जल स्तर वहीं ठहरा है। नदी के ठहर जाने से तटवासी राहत में तो हैं, लेकिन खेतों में पानी भर जाने के कारण उन्हें इस बात का भय है कि उनकी खेती पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। नदी का पानी गायघाट, कंचनपुर, दौलतपुर, आगापुर, गुलरिहा, चपरा पूर्वी, खालेपुरवा आदि गांव के सीवान में भरा है। किसान हरीराम, मुबारक, सलाहुद्दीन, रामरेखा, जयराम, हुबराज आदि किसानों का कहना है कि नदी की बाढ़ तो ठहर गई है, लेकिन पानी खेतों को नुकशान पहुंचा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ से रक्षा के लिए बनाई गई चौकी पूरी तरह से बेकार है। सिचाई विभाग का कोई कर्मचारी वहां नहीं रहता। मुख्यालय पर बैठकर सिर्फ कागज का पेट भरा जाता है। ग्रामीण बंधों पर शरण लेते हैं और अधिकारी बाढ़ की आड़ में लूट करते हैं।