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लोक व परलोक को संवारती है भागवत कथा: प्रशांत भूषण

सुकदेव व परीक्षित के जन्म की कथा सुन भाव विभोर हुए श्रोता

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 11:45 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 11:45 PM (IST)
लोक व परलोक को संवारती है भागवत कथा: प्रशांत भूषण
लोक व परलोक को संवारती है भागवत कथा: प्रशांत भूषण

संतकबीर नगर: खलीलाबाद शहर के स्टेशनपुरवा मोहल्ले में नौ दिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन शनिवार को भी प्रसंग सुनाया गया। अयोध्या से पधारे कथा व्यास प्रशांत भूषण महाराज ने सुकदेव और राजा परीक्षित के जन्म की कथा सुनाते कहा कि यह लोक और परलोक दोनों को संवारती है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मानव जीवन का कल्याण संभव है। भगवान शिव ने इस कथा को माता पार्वती को श्रवण कराया था। कितु कथा के तीसरे दिन माता पार्वती को नींद आ गई। एक सूक्ष्म जीव ने पूरे नौ दिन तक कथा श्रवण किया। उसी जीव ने सुकदेव के रूप में जन्म लिया।

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कथा व्यास ने आगे कहा कि महाभारत युद्ध के बाद अश्वत्थामा ने द्रोपदी के पांच पुत्रों का वध कर दिया था। पांडवों ने अश्वत्थामा को पकड़ लिया और उसे दंडित करने के लिए द्रोपदी के पास ले गए। गुरु पुत्र होने की वजह से द्रोपदी ने अश्वत्थामा को क्षमा कर दिया। बाद में भगवान कृष्ण के निर्देश पर पांडवों ने अश्वत्थामा के मस्तक से मणि निकाल लिया। अश्वत्थामा ने इस अपमान का बदला लेने के लिए सुभद्रा के गर्भ पर

ब्रह्मास्त्र से प्रहार कर दिया। भगवान कृष्ण ने सुभद्रा के गर्भ की रक्षा की। इससे परीक्षित के रूप में अत्यंत तेजस्वी बालक का जन्म हुआ। कथा में संगीतमय भजनों पर झांकी देख श्रोता मुग्ध रहे।

इस अवसर पर हनुमान गढ़ी तितौवा के महंत हरि नारायण उपाध्याय उर्फ गुड्डू बाबा, गुड्डू पाल, दीपक श्रीवास्तव, वीरेंद्र यादव, विवेक श्रीवास्तव, किरण प्रजापति, सोनू गुप्ता समेत तमाम श्रोता मौजूद रहे। हक के लिए एकजुट हो नाई समाज

संतकबीर नगर : अधिवक्ता ध्रुव नारायण ने कहा कि नाई समाज को जागरूक होने और अपने हक के लिए एकजुट होना जरूरी है। अभी तक सभी सरकारों में नाई समाज की अवहेलना की गई। नाई समाज चक्रवर्ती सम्राट महापदमनंद की वंशज है। इन्हें अपने हित को पूरा करने के लिए मजबूती के साथ लड़ना होगा तथा संगठन का साथ देना होगा। यह बातें मेंहदावल के पक्का पोखरा में आयोजित पूर्वांचल नाई महासभा के कार्यक्रम में ध्रुव नारायण ने बतौर मुख्य अतिथि कहीं।

उन्होंने कहा की संगठन में महिलाओं की भागीदारी की जरूरत है। बेटियों को भी बेटों के जैसा प्यार, सम्मान व हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। नाई समाज को पुराने रवैया को त्यागने की आवश्यकता है। नए ढ़र्रे पर चलकर नाई समाज मजबूत हो सकता है। संगठन को मजबूत करने तथा संगठन के विस्तार को लेकर जनसंपर्क करने का अनुरोध किया। समाज शिक्षा के प्रति जागरूक हो, इसको लेकर बैठक में बल दिया गया। इस अवसर पर अशोक कुमार, सूर्यभान शर्मा, सुरेश कुमार शर्मा, जमील अहमद, अनिल शर्मा, संत प्रसाद, योगेंद्र शर्मा, प्रदीप शर्मा, छोटू शर्मा, शैलेंद्र शर्मा, अजीत शर्मा के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे।


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