पर्यटन का हब बनेगा बखिरा पक्षी विहार
आगामी दो फरवरी को बर्ड फेस्टिवल बखिरा झील स्थल पर ही कराए जाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर गोष्ठी व अन्य कार्यक्रमों को कराने का निर्देश दिया गया। वाइल्डलाइफ देहरादून द्वारा झील के संदर्भ में तैयार डीपीआर को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई।
संतकबीर नगर : बखिरा पक्षी विहार के सुंदरीकरण की उम्मीदें रफ्ता-रफ्ता परवान चढ़ने लगी है। पक्षी विहार के उन्नयन व विकास को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में बीते मंगलवार को देर शाम पांच बजे वन विभाग के प्रदेश मुख्यालय (लखनऊ) के पारिजात कक्ष में बैठक हुई, जिसमें मोती झील व उसके भावी विकास की रूपरेखा व कार्ययोजना के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में मेंहदावल के विधायक राकेश सिंह बघेल और संतकबीरनगर के जिला वन अधिकारी टी रंगाराव ने झील के महत्व पर अपना पक्ष रखा।
बखिरा के मोती झील को लेकर उत्तर प्रदेश वाइल्डलाइफ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील पांडेय द्वारा वाइल्डलाइफ एक्ट के अनुरूप आवश्यक सुविधाएं विकसित किए जाने पर बल दिया। उन्होंने झील तक मार्ग बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण करने की व्यवस्था, एप्रोच, पार्किंग, जनसुविधाएं तथा सूचना हेतु साइन बोर्ड के लिए बजट की बात कही। बैठक में विभिन्न बिदुओं पर बनी आम सहमति
बैठक में इको सिस्टम जोन के अनुरूप कार्य करने तथा एक किलोमीटर के झील के संपूर्ण क्षेत्रफल में इस इको सिस्टम के मानक का पालन करवाने व करने का निर्देश डीएफओ संतकबीर नगर को दिया गया। पूर्व में आईं भूमि राजस्व की 685 आपत्तियों के सापेक्ष हुए 518 निस्तारण व अन्य सूचनाओं को साझा करते हुए डीएफओ को अगले एक माह की समयावधि में समस्त प्रस्ताव को गति देकर निर्णायक मोड़ पर लाए जाने का निर्देश दिया गया। जलकुंभी व अन्य अनुपयोगी वनस्पतियों व खरपतवार को हटाए जाने, साफ करने पर भी सहमति बनी। झील के पास एक पार्क, नेचर ट्रेल, पाथ-वे, ओडीओपी के अनुरूप स्टाल, वेबसाइट आदि के विकास की आवश्यकता पर भी सहमति बनी। दो फरवरी को मोती झील में आयोजित होगा कार्यक्रम
आगामी दो फरवरी को बर्ड फेस्टिवल बखिरा झील स्थल पर ही कराए जाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर गोष्ठी व अन्य कार्यक्रमों को कराने का निर्देश दिया गया। वाइल्डलाइफ देहरादून द्वारा झील के संदर्भ में तैयार डीपीआर को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव, मुख्य वन संरक्षक इको विकास नीरज कुमार, मुख्य वन संरक्षक वन्य एवं जीव पूर्वी क्षेत्र सुजाय बनर्जी, मुख्य वन संरक्षक पूर्वी क्षेत्र वीके चोपड़ा, प्रभागीय वन अधिकारी सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग पुष्प कुमार, कंजरवेटर बस्ती एपी पाठक, पर्यावरण विशेषज्ञ बृजकिशोर दूबे आदि मौजूद रहे।