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आशा कर्मियों का बंद हो शोषण

ाज्य महिला आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ से जुड़ी आशा कर्मी शुक्रवार को विकास भवन के समीप स्थित बहुउद्देशीय क्रीड़ा हाल के पास धरने पर बैठे रहीं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 10:47 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 10:47 PM (IST)
आशा कर्मियों का बंद हो शोषण
आशा कर्मियों का बंद हो शोषण

संतकबीर नगर: राज्य महिला आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता संघ से जुड़ी आशा कर्मी शुक्रवार को विकास भवन के समीप स्थित बहुउद्देशीय क्रीड़ा हाल के पास धरने पर बैठे रहीं। इस दौरान उन्होंने शासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन अधिकारी को सौंपा। जिलाध्यक्ष श्रीमती माया सिंह ने कहा कि आशा कर्मियों का मानदेय कम से कम 18 हजार व आशा संगिनी का 24 हजार किया जाए। योग्यता व अनुभव के आधार पर आशा कर्मियों को एएनएम या जीएएनएम का प्रशिक्षण देकर समायोजन करने, इन्हें आयुष्मान भारत योजना में शामिल करते हुए अति गरीबी रेखा का राशन कार्ड जारी किया जाए। इसके इतर आशा संगिनी का चयन नियम विरुद्ध हो रहा है, इस नियमानुसार करने, आशा कर्मियों को एक साल में दो यूनिफार्म के लिए कम से कम एक हजार रुपये देने, मेडिसिन किट व अन्य संसाधन देने, रात में मरीजों के साथ आने पर इनके लिए विश्रामालय की व्यवस्था किया जाए। धरने में गीता, इंदू, इंद्रमती, इंद्रा, बिदू, लालमती, विद्या, सुधा, स्नेहलता, प्रेमलता, सुनिता, मैना, कौलवासी, कमलावती, पूनम, मीरा, संगीता देवी शामिल रहीं।

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