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नींद, नशा और तेज रफ्तार ,कमजोर कर रही ¨जदगी की तार

संतकबीर नगर : वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन कठोरता से किया जाना अनिवार्य है। यह सिर्फ पु

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 12:10 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 12:10 AM (IST)
नींद, नशा और तेज रफ्तार ,कमजोर कर रही ¨जदगी की तार
नींद, नशा और तेज रफ्तार ,कमजोर कर रही ¨जदगी की तार

संतकबीर नगर : वाहन चलाते समय यातायात के नियमों का पालन कठोरता से किया जाना अनिवार्य है। यह सिर्फ पुलिसिया कार्रवाई से बचाने के लिए नहीं बल्कि खुद और दूसरों के परिवारों के खुशियों को कायम रखने में सहयोगी बनकर सामने आती है। मनमाने रूप से सड़क पर गाड़ी चलाने की आदत जान पर भी भारी पड़ सकती है। सभी के लिए जरूरी है कि जब गाड़ी लेकर घर से निकलें तो पहले यह तय करें कि इसके लिए जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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जागरण द्वारा सुरक्षित यात्रा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए चलाए जा रहे अभियान के क्रम में सतत वार्ता और लोगों के विचारों का प्रकाशन किया जा रहा है। इसे लेकर अधिकांश लोगों ने दुर्घटनाओं के पीछे वाहन चालकों की लापरवाही को कारण माना है।

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निर्धारित रफ्तार से चलाएं गाड़ी

कोतवाली प्रभारी सुधीर कुमार ¨सह ने कहा कि हर सड़कों पर चलने के लिए रफ्तार की सीमा होती है। कहां मोड़ है और कहां पर सड़क खराब है इसे लेकर सड़कों पर संकेतक लगाए गए हैं। इसे देखकर नहीं चलने से सामने से आ रही गाड़ियों से टकराने और असंतुलित होकर दुर्घटना का शिकार बनने की आशंका रहती है। उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।

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संजीदगी बरतें युवा

सामाजिक कार्यकर्ता विवेकानंद ने कहा कि युवाओं को अक्सर सड़कों पर युवाओं को तेज गति से मोटरसाइकिल और कारें दौड़ाते देखा जा सकता है। हादसों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि युवा ही सबसे ज्यादा इनका शिकार हुए हैं। इसलिए जरुरी है कि युवा गाड़ी को ज्यादा तेज गति से न चलाएं।

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अधिकारी और जनता दोनों दिखाएं जागरूकता

ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती। जनता को जागरुक होना होगा तो प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी गंभीरता से समझनी होगी। जनता को चाहिए कि वह नियमों का पालन करे वहीं पुलिस सिर्फ चालान काटने पर ध्यान नहीं दे बल्कि चालकों को बताए कि बिना हेलमेट, कागजात, इंश्योरेंस की कमी और ट्रैफिक संकेतकों का उल्लंघन करने से उन्हें क्या परेशानी हो सकती है। अगर वाहन अनफिट है तो वह हादसे का कारण बन सकता है।

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सही हालत में हों ट्रैफिक लाइटें

बढ़ते यातायात को कंट्रोल करने में ट्रैफिक लाइटें विशेष भूमिका निभाती हैं। ट्रैफिक लाइटें चौक, चौराहों पर लगी तो हैं लेकिन ये पूरी तरह से सही अवस्था में नहीं हैं। किसी की लाइट जलती है तो नंब¨रग नहीं चलती। अगर ये दुरुस्त हो तो चालक तब तक अपने वाहन को बंद कर पेट्रोल और प्रदूषण दोनों को बचा सकते हैं।

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पैदल चलने में भी बरतें सावधानी

पीटीओ संदीप चौधरी ने कहा कि सड़क पर पैदल चलते समय हमेशा बाएं चलें। सड़क पार करने से पहले बाएं-दाएं देखें कि कोई वाहन तो नहीं आ रहा, फिर पार करें। वाहन चलाते समय भी हमेशा बाएं चलें और आगे चल रहे वाहन को दाईं ओर से ही ओवरटेक करें। वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर कतई बात नहीं करें। पहले हेलमेट पहनें और फिर दुपहिया की सीट पर बैठें। ड्राइ¨वग सीट पर हमेशा सीट बैल्ट लगाकर ही बैठें। सड़क पर पैदल चलने और वाहन चलाने के ऐसे ही कुछ नियम कायदे बुधवार को सड़क सुरक्षा जागरूकता सप्ताह के शुरू होने पर नेहरू पार्क में हुई सभा में परिवहन विभाग व यातायात पुलिस के अधिकारियों ने लोगों को बताए।


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