सरकारी कागजों में जीवित हैं 70 फीसद पौधे
पांच जुलाई-2020 से चलने वाले पौधारोपण अभियान में पोषकता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण 30 हजार सहजन के पौधे लगाए जाएंगे। रवीश गुप्त डीएम ने कहा कि इस बार अभियान में ज्यादा फलदार व छायादार पौधे ही लगाए जाएंगे। हर पौधों की सुरक्षा व नियमित देखभाल पर विशेष प्रयास किया जाएगा।
संत कबीरनगर: सरकारी आंकड़ों में मात्र 30 फीसद पौधे ही मरे हैं। 70 फीसद पौधे जीवित हैं। जबकि धरातल का सच ठीक इसके विपरित है। तमाम पौधों का अता-पता नहीं। तमाम सरकारी कार्यालयों पर लगने के कुछ माह बाद ही परिसर से पौधे गायब हो गए। इसकी चिता न तो अधिकारियों को रही और न ही कर्मचारियों को।
सेमरियावां ब्लाक परिसर में पिछले साल पौधरोपण अभियान के तहत 800 पौधे लगाए गए थे। ट्री गार्ड न लगाए जाने का परिणाम रहा कि कुछ ही दिन में पशुओं ने इन पौधों को चर कर नष्ट कर डाला। पशु अस्पताल सेमरियावां के परिसर में खाली पड़ी भूमि में पिछले साल लगे पांच सौ पौधों में से एक भी पौधे जीवित नहीं है। खलीलाबाद शहर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय-गोलारगड़गंज के अलावा जिले के अन्य परिषदीय स्कूलों, सरकारी कार्यालयों की भी यही स्थिति है।
किस साल-कौन से लगे पौधे
वित्तीय सत्र 2018-19 में पौधारोपण अभियान के तहत विशेषकर पाकड़, कटजामून, पनिहां, शीशम, सागौन, वन जलेबी के पौधे ज्यादा लगाए गए। वहीं 2019-20 में भी पौधारोपण अभियान में यही पौधे ज्यादा लगाए गए। इन दोनों वित्तीय सत्रों में काफी कम मात्रा में आम के पौधे लगाए गए। पर्यावरण व मानव जीवन के लिए फायदेमंद माने जाने वाली पीपल व अन्य पौधे लगाने पर जोर नहीं दिया गया। पांच जुलाई-2020 से चलने वाले पौधारोपण अभियान में पोषकता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण 30 हजार सहजन के पौधे लगाए जाएंगे।
रवीश गुप्त, डीएम ने कहा कि इस बार अभियान में ज्यादा फलदार व छायादार पौधे ही लगाए जाएंगे। हर पौधों की सुरक्षा व नियमित देखभाल पर विशेष प्रयास किया जाएगा।