1215 प्रवासी मजदूरों का जॉब कार्ड तैयार
देश के विभिन्न हिस्सों से भागकर घर पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों को गांव में ही काम दिलाने में जिला प्रशासन जुट गया है। लॉकडाउन-तीन के बाद जिले में अभी तक करीब 8500 लोग वापस आ गए हैं।
संत कबीरनगर: देश के विभिन्न हिस्सों से भागकर घर पहुंच रहे प्रवासी मजदूरों को गांव में ही काम दिलाने में जिला प्रशासन जुट गया है। लॉकडाउन-तीन के बाद जिले में अभी तक करीब 8500 लोग वापस आ गए हैं।
विकास विभाग ने सोमवार तक बाहर से आए 1215 लोगों का मनरेगा के तहत जॉबकार्ड बना दिया है। मनरेगा के तहत काम मांगने वालों के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। दो अधिकारी भी तैनात हैं, जिनसे सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक कभी भी बात करके काम और कार्ड की जानकारी ली जा सकती है।
18 लाख की आबादी वाले जिले के बड़ी संख्या में लोग मुंबई, दिल्ली और कोलकाता के साथ ही बंगलूरू समेत अनेक स्थानों पर रहकर कार्य करते हैं। किसी को इस प्रकार की महामारी नतीजा वापसी का दौर शुरू हो गया। जान को संकट में डालकर लोग पैदल ही वापस आने लगे।
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जिले में दो लाख 61 हजार जाबकार्ड
सोमवार तक वापस आए 8500 मजदूरों में से 1215 का जाबकार्ड बनाया जा चुका है। पहले से जिले में दो लाख 61 हजार जॉबकार्ड धारक हैं। अब सरकार के निर्देश पर बाहर से आने वाले सभी का जॉबकार्ड बनाया जा रहा है।
सबसे अच्छा अपना गांव
सेमरियावां निवासी मो. इश्तियाक, मेंहदावल ब्लाक के भटौरा निवासी अमरपाल यादव आदि ने बताया कि उनका जाबकार्ड बन गया है। होमक्वारंटाइन का समय पूरा होने के बाद कार्य आरंभ करेंगे। इसी प्रकार हरिहरपुर निवासी सुशील और बौरब्यास निवासी रामलाल ने भी गांव में ही कार्य दिए जाने को लेकर सरकार को धन्यवाद दिया।
एक सप्ताह पहले तक वापस आए लोगों का जॉबकार्ड बना दिया गया है। अब बड़ी संख्या में लोग वापस आ रहे हैं। इनका भी जॉबकार्ड बनवाया जा रहा है। किसी प्रवासी को रोजगार के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
अतुल मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी