सफाई ठेकेदार के प्रोजेक्ट मैनेजर को मारपीट कर किया घायल
जेएनएन सम्भल तेल चोरी करने की शिकायत की तो सफाई कर्मचारियों ने ठेकेदार के मैनेजर को मारपीट करके घायल कर दिया। सूचना पाकर मौके पर कोतवाली पहुंच गई और प्रोजेक्ट मैनेजर को कोतवाली ले आई। भारी संख्या सफाई कर्मचारी भी कोतवाली पहुंच गए और ठेकेदार पर मारपीट कर घायल करने आरोप लगाया। बाद में दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया।
जेएनएन, सम्भल: तेल चोरी करने की शिकायत की तो सफाई कर्मचारियों ने ठेकेदार के मैनेजर को मारपीट करके घायल कर दिया। सूचना पाकर मौके पर कोतवाली पहुंच गई और प्रोजेक्ट मैनेजर को कोतवाली ले आई। भारी संख्या सफाई कर्मचारी भी कोतवाली पहुंच गए और ठेकेदार पर मारपीट कर घायल करने आरोप लगाया। बाद में दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया।
नगर पालिका ने शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर कूड़ा उठाने के लिए चंड़ीगढ़ की कंपनी को ठेका दिया है। ठेकेदार के कर्मचारी ने कूड़ा उठाकर ट्रंचिग ग्राउंड में डालने वाले ट्रैक्टर चालक को तेल चोरी करते हुए देख लिया। जानकारी होने पर ठेकेदार ने शिकायत करते हुए चालकों को हटाने की चेतावनी दी। जिस पर ठेका सफाई कर्मचारियों ने कार्य करने से मना कर दिया और शुक्रवार की सुबह 9 बजे फव्वारा चौक स्थित नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग में एकत्र हो गए। जानकारी मिलने पर ठेकेदार का पुत्र पीआर सिंह अपने प्रोजेक्ट मैनेजर हरविदर सिंह के साथ पालिका के स्वास्थ्य विभाग पहुंच गया। ठेकेदार के बेटे को देखते ही सफाई कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। ठेकेदार के बेटे व मैनेजर ने जब उनको समझाने का प्रयास किया तो सफाई कर्मचारी भड़क गए और मैनेजर के साथ मारपीट करके उसको घायल कर दिया। सूचना पाकर मौके पर कोतवाली पुलिस पहुंच गई और मैनेजर को बचाया। इस दौरान आधा घंटे तक स्वास्थ्य विभाग में शोर शराबा व हंगामे का माहौल बना रहा। ठेकेदार के मैनेजर ने कोतवाली जाकर सफाई कर्मचारियों पर मारपीट का आरोप लगाकर रिपोर्ट के लिए तहरीर दी। उधर काम ठप करके सभी ठेका सफाई कर्मचारी व उनके समर्थन में सफाई नायक आदि कोतवाली पहुंच गए और खुद के साथ मारपीट व अभ्रदता करने ठेकेदार के बेटे व मैनेजर पर आरोप लगाकर तहरीर देने की बात की। लेकिन कुछ लोगों ने दोनों पक्षों को समझाकर आपसी समझौता करा दिया। कोतवाली प्रभारी मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों में आपसी समझौता हो गया इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। पहले इन लोगों को तेल नगरपालिका देती थी और यह लोग तेल बचा लेते थे। इस बार मानदेय के साथ वाहनों का तेल भी उन्हीं को देना है। वाहन वालों को तीन दिन के लिए 15 लीटर तेल दिया जा रहा था। जब पता चला कि तेज बच रहा है तो तीन दिन की जगह पांच दिन कर दिए। इसी बात से नाराज होकर मेरे मैनेजर को मारपीट कर घायल कर दिया।
पीआर सिंह, ठेकेदार