एक साल से दिल्ली भेजे जा रहे थे सिमकार्ड, 200 और मिले एक्टिवेट
. सिमकार्ड को एक्टिवेट करने के बाद भेज दिया जाता था दिल्ली . एक व्यक्ति के माध्यम से चल रहा
. सिमकार्ड को एक्टिवेट करने के बाद भेज दिया जाता था दिल्ली
. एक व्यक्ति के माध्यम से चल रहा था यह खेल
जागरण संवाददाता,
चन्दौसी: एक-एक आइडी पर 20 से 30 सिमकार्ड एक्टिवेट करके उन्हें गलत लोगों को देने का धंधा पिछले एक साल से चल रहा था। चन्दौसी व सम्भल से लगातार सिमकार्ड दिल्ली भेजे जा रहे थे। सिमकार्ड कितने चाहिए इसकी डिमांड शहर का ही एक व्यक्ति करता था। एटीएस टीम को अब भी इनके पास से 200 से अधिक एक्टिवेट सिमकार्ड मिले है।
सम्भल व चन्दौसी में दूसरे की आइडी से सिमकार्ड को एक्टिवेट करके बेचने का धंधा पिछले एक साल से चल रहा था। यह जानकारी एटीएस की टीम को पूछताछ के दौरान शनिवार को मिली। अभी एटीएस टीम कुछ और लोगों को हिरासत में ले सकती है। इसके लिए टीम ने शनिवार को भी कुछ स्थानों पर दबिश दी थी, लेकिन ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है। हालांकि अभी भी एटीएस की टीम की कुछ लोगों पर नजर है। जिन्हें कभी भी हिरासत में लिया जा सकता है। इनसेट-
सभी के बैंक अकाउंट खंगाल रही एटीएस
चन्दौसी: शुक्रवार की शाम हिरासत में लिए गए पांच सिमकार्ड डिस्ट्रीब्यूटर के बैंक अकाउंट पर भी खंगाले जा रहे हैं। एटीएस पता लगा रही है कि कहीं सिम खरीदने वालों ने इनके अकाउंट में तो रुपये नहीं डाले हैं। इनसेट-
एक ही कंपनी के है अधिकांश सिमकार्ड
चन्दौसी: जिन सिमकार्ड को दिल्ली भेजा गया है वह अधिकांश सिमकार्ड एक ही मोबाइल नेटवर्क के है।
पूछताछ में यह सामने आया है कि जो भी सिम एक्टिवेट करके बेचे गए है उनमें से 80 फीसद सिम एक नेटवर्क के थे जबकि 20 फीसद सिम दूसरे नेटवर्क के थे, लेकिन दो नेटवर्क के अलावा अन्य मोबाइल नेटवर्क के सिम एक्टिवेट नहीं किये गए हैं। इनसेट-
स्वजनों को देख रोने लगे डिस्ट्रीब्यूटर
चन्दौसी: जिस समय एटीएस की टीम डिस्ट्रीब्यूटर को लखनऊ लेकर जा रही थी और उन्हें गाड़ियों में बैठाया जा रहा था उसी समय उनके स्वजन भी वही पर खड़े थे। वह स्वजनों को देख रोने लगे। इसके बाद एटीएस की टीम डिस्ट्रीब्यूटर को लेकर लखनऊ रवाना हुई तो कुछ लोग पीछे से लखनऊ चले गए।