शहर में हर छह में से एक मधुमेह रोगी
शहर के मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल। यहां शाम तक मरीजों की संख्या तीन सौ का आंकड़ा पार कर चुकी थी। इन मरीजों में पौने दो सौ मरीज ऐसे थे जिन्हें डायबिटिक थी। यानी अपने मर्ज का इलाज तो वह करा ही रहे थे साथ ही डायबिटिक की दवा भी ले रहे थे। हाल यह है कि मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अब इससे जुड़ी विधा के डाक्टरों ने भी अपनी डिग्री के साथ ही मधुमेह रोग विशेषज्ञ भी लिखना शुरू कर दिया है। बुधवार को विश्व मधुमेह दिवस है और चिकित्सकीय कार्य से जुड़े तमाम चिकित्सकों ने लोगों को सावधानी बरतने के साथ ही इससे बचाव के लिए सुझाव देने के लिए अलग से बोर्ड भी लगाया है।
सम्भल : शहर के मुरादाबाद रोड स्थित एक निजी अस्पताल। यहां शाम तक मरीजों की संख्या तीन सौ का आंकड़ा पार कर चुकी थी। इन मरीजों में पौने दो सौ मरीज ऐसे थे जिन्हें डायबिटीज थी। यानी अपने मर्ज का इलाज तो वह करा ही रहे थे साथ ही मधुमेह की दवा भी ले रहे थे। हाल यह है कि मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण अब इससे जुड़ी विधा के डाक्टरों ने भी अपनी डिग्री के साथ ही मधुमेह रोग विशेषज्ञ भी लिखना शुरू कर दिया है। बुधवार को विश्व मधुमेह दिवस है और चिकित्सकीय कार्य से जुड़े तमाम चिकित्सकों ने लोगों को सावधानी बरतने के साथ ही इससे बचाव के लिए सुझाव देने के लिए अलग से बोर्ड भी लगाया है।
हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। विश्व मधुमेह दिवस को अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 1991 में शुरू किया गया था। प्रत्येक वर्ष डायबिटीज डे का अलग लक्ष्य होता है। कभी मधुमेह को लेकर लोगों को शिक्षित करने का वर्ष मनता है तो कभी कुछ और। चूंकि सब जानते हैं कि डायबिटीज का इलाज बचाव है। इससे ही इसे नियंत्रित किया जा सकता है। थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इससे होने वाले खतरों से बचाव किया जा सकता है। डायबिटीज कई बार प्राकृतिक या आनुवांशिक कारणों से होती है।
चिकित्सकीय कार्य से जुड़े लोगों की माने तो डायबिटीज होने के दो कारण होता है, पहला शरीर में इन्सुलिन का बनना बंद हो जाये या फिर शरीर में इन्सुलिन का प्रभाव कम हो जाये। दोनों ही परिस्थितियों में शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है। डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार का ध्यान रखना चाहिए। यह रोग उम्र के आखिरी पड़ाव तक बना रहता है, इसलिए इसके खतरों से बचे रहने के लिए जरूरी है सावधानी बरतने की।
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ब्लड में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करना जरूरी होता है। मरीज को बार-बार लघुशंका आता है। शरीर से अधिक तरल पदार्थ निकलने के कारण रोगी को को बहुत प्यास लगती है। इसके कारण शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। हमे बचाव की जानकारी होनी चाहिए।
डॉ. प्रशांत वाष्र्णेय
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डायबिटीज के मरीज अक्सर कोशिश के बावजूद कुछ ऐसी चीजें खा लेते हैं, जिनसे उनका शुगर लेवल बढ़ सकता है। ऐसे में एहतियात के तौर पर उन्हें समय-समय पर अपना ब्लड शुगर चेक करते रहना चाहिए, ताकि खतरे की सीमा रेखा पार न की जाए।
डॉ. राजेश अग्रवाल
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अगर आप घर-परिवार के साथ खुशियां मनाते हुए थोड़ा बहुत मिठाई या दूसरे पकवान खा भी लेते हैं, तो पानी खूब पिएं। इसके अलावा खाने में इस दिन कच्चे सलाद का प्रयोग करें। अपने आहार के बारे में अपने चिकित्सक से पहले ही पूछ लें और उसी डाइट चार्ट को फॉलो करें।
डॉ. संजय वाष्र्णेय
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ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने से डायबिटीज हो जाती है। मधुमेह के मरीज को थकान और प्यास लगने के अलाव कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तनाव भरा माहौल डायबिटीज रोगी को और अधिक बीमार कर सकता है। डायबिटीज मरीजों के लिए अच्छा वातावरण होना बहुत जरूरी है।
डॉ.प्रमेंद्र ¨सह
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आज लगेगा शिविर
सम्भल : मुरादाबाद रोड स्थित सिद्धि हेल्थ केयर सेंटर पर डॉ. प्रशांत वाष्र्णेय की देखरेख में डायबिटीज रोगियों के लिए मुफ्त जांच शिविर 14 नवंबर से 21 नवंबर तक लगाया जाएगा। इसमें मरीजों को निश्शुल्क उपचार मिलेगा।