एक अक्टूबर से शुरू होगी धान की खरीद
जेएनएन बहजोई जिले में एक अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली धान की खरीद की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गईं हैं। इस बार बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत किसानों के आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर से ही धान बिक्री के लिए खाद्य विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराया जा सकेगा।
जेएनएन, बहजोई: जिले में एक अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली धान की खरीद की तैयारियां अभी से शुरू कर दी गईं हैं। इस बार बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत किसानों के आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर से ही धान बिक्री के लिए खाद्य विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराया जा सकेगा। आधार नंबर पर जो भी मोबाइल नंबर होगा, उस पर ओटीपी जाएगा और तीन बार से अधिक ओटीपी नहीं दिया जाएगा। उसके बाद मोबाइल नंबर ब्लैक लिस्ट हो जाएगा। धान खरीद के लिए अभी से तैयारी के निर्देश दिए हैं। इसके लिए पंजीयन भी शुरू हो गया है। इस बार पंजीयन में किये बदलाव के तहत जिस किसान का पंजीकरण होगा उसके आधार नंबर के जरिए से पूरी प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी जिला विपणन अधिकारी के मुताबिक इस बार धान किसान को अपना बैंक खाता सम्मिलित कराने की आवश्यकता नहीं है। आधार से जो बैंक खाता लिक है उसी में धनराशि प्रेषित की जाएगी। किसान को खरीद के दौरान उसके मोबाइल नंबर पर तीन बार ओटीपी मिलेगा। प्रत्येक ओटीपी का समय दस मिनट का होगा। अगर यह समय सीमा खत्म हो जाती है तो किसान का मोबाइल नंबर ब्लैक लिस्टेड हो जाएगा और ऐसे में वह अपने धान की बिक्री नहीं कर सकेगा। इस प्रक्रिया से बिचौलियों के द्वारा हस्तक्षेप पर लगाम लगेगी जो कि बिना किसान की ओटीपी के अवैध रूप से धान की बिक्री नहीं कर सकेंगे। धान खरीद के लिए खाद्य विभाग की ओर से तैयारियां शुरू की जा रही है लेकिन इस बार कई एजेंसियों के खत्म होने के चलते क्रय केंद्रों की संख्या कम रहने के आसार हैं। अभी एजेंसियों के द्वारा आवेदन नहीं किए गए हैं। आवेदन होने के बाद क्रय केंद्रों की संख्या का निर्धारण होगा। अगर आधार से लिक नहीं है मोबाइल नंबर तो होगी किसानों को परेशान
बहजोई: पंजीयन के लिए खाद्य विभाग ने साफ्टवेयर में बदलाव भी कर दिया है। हालांकि सरकार के इस निर्णय से किसानों को पंजीकरण में बड़ी समस्या होना भी तय मानी जा रही है। अधिकतर किसान के मोबाइल नंबर आधार से लिक न होने के कारण पंजीकरण नहीं हो सकेगा। इतना ही नहीं जिन किसानों ने अपने मोबाइल नंबर बदल लिए हैं। उन्हें अब आधार कार्ड संशोधन केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। मौजूदा में बैंकों और डाकघरों में ही आधार कार्ड संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। जिले में एक अक्टूबर से धान की खरीद होगी। क्रय केंद्रों का निर्धारण जल्द ही किया जाएगा, लेकिन विभाग की वेबसाइट पर हुए इस साफ्टवेयर में बदलाव के कारण इससे पूर्व किसानों के पंजीकरण की प्रक्रिया संपन्न कराई जा रही है। जिसमें आधार से मोबाइल नंबर लिक होना जरूरी है। इसलिए किसान पंजीयन पहले से ही पूर्ण करा लें तो दिक्कत नहीं होगी।
विजेयता सिंह, जिला विपणन अधिकारी, सम्भल।