खेड़ा-अजीमनगर मार्ग की हालत खस्ता
रामपुर : गांवों में संपर्क मार्गों की हालत खराब है। इसके चलते ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सरकार गांवों के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है। बावजूद इसके संपर्क मार्गों की हालत सुधर नहीं पा रही है। खड़ंजों से लेकर सीसी रोड, सड़क के दोनों ओर जल निकासी के लिए नाले व नालियां बनाई जा रही हैं। गांव के गली, मुहल्लों व संपर्क मार्ग बनाने के लिए जिला योजना, सहकारी समिति, आरईएस, गन्ना विकास समिति, विधायक व सांसद निधि, राज्यवित्त, 14वां वित्त एवं मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं, फिर भी कई गांवों के संपर्क नहीं बन पा रहे हैं। ऊबड़खाबड़ और कीचड़ भरे रास्ते होने की वजह से आने-जाने में दिक्कत हो रही है। ऐसा ही एक संपर्क मार्ग है सैदनगर ब्लाक का अजीमनगर-खेड़ा संपर्क मार्ग।
रास्ते में पड़े पत्थर और कीचड़ ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन रही है।
जागरण संवाददाता, रामपुर : गांवों में संपर्क मार्गों की हालत खराब है। इसके चलते ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
सरकार गांवों के विकास के लिए कई योजनाएं चला रही है। बावजूद इसके संपर्क मार्गों की हालत सुधर नहीं पा रही है। खड़ंजों से लेकर सीसी रोड, सड़क के दोनों ओर जल निकासी के लिए नाले व नालियां बनाई जा रही हैं। गांव के गली, मुहल्लों व संपर्क मार्ग बनाने के लिए जिला योजना, सहकारी समिति, आरईएस, गन्ना विकास समिति, विधायक व सांसद निधि, राज्यवित्त, 14वां वित्त एवं मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं, फिर भी कई गांवों के संपर्क नहीं बन पा रहे हैं। ऊबड़खाबड़ और कीचड़ भरे रास्ते होने की वजह से आने-जाने में दिक्कत हो रही है। ऐसा ही एक संपर्क मार्ग है सैदनगर ब्लाक का अजीमनगर-खेड़ा संपर्क मार्ग। इस मार्गों की हालत वर्षों से खराब है। यह मार्ग थाना अजीमनगर को, जटपुरा, सैदाबाद, खेड़ा, टांडा, दोंकपुरी, भोट बक्काल, मुस्ताबाद एवं खेमपुर को जोड़ता है। सभी गांव थाना अजीमनगर में आते हैं। खेड़ा से अजीमनगर की दूरी 3 किलोमीटर है। कई साल से इस मार्ग की हालत खस्ता है। सैदाबाद में तो कीचड़ के चलते पैदल निकलना भी दुश्वार हो रहा है। जगह-जगह बने गड्ढे और कीचड़ इसकी पहचान बनी हैं। इस मार्ग को बनाना तो दूर मरम्मत तक नहीं हो पा रही है। हालांकि दो साल पहले मरम्मत के लिए सामग्री लाई गई, लेकिन काम शुरु नहीं हो सका।इसके चलते सामग्री को उठाकर ग्रामीण ले गए। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। खेड़ा के पूर्व प्रधान मुहम्मद यामीन का कहना है कि रास्ता खराब होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जटपुरा के सहादत अली का कहना है कि रास्ता खराब होने से काफी दिक्कत होती है। खेड़ा-टांडा के प्रधान इरफान अली का कहना है कि इस मार्ग की मरम्मत कराने और बनवाने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पा रही है।