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खत्मे बुखारी की महफिल में नेक दुआएं होती है कुबूल

सम्भल: मरकजी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उलूम में जश्ने खत्मे बुखारी शरीफ मुबारक की महफिल का

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 03:13 AM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 03:13 AM (IST)
खत्मे बुखारी की महफिल में नेक दुआएं होती है कुबूल
खत्मे बुखारी की महफिल में नेक दुआएं होती है कुबूल

सम्भल: मरकजी मदरसा अहले सुन्नत अजमल उलूम में जश्ने खत्मे बुखारी शरीफ मुबारक की महफिल का आगाज कारी सरताज ने कुराने पाक की तिलावत से किया। नाते पाक मोहम्मद शमशाद रजा रामपुरी और गुलाम गौस ने पढ़ी।

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इस अवसर पर मुफ्ती आलम रजा खां नूरी ने इमाम बुखारी के जीवन पर रोशनी डाली। बताया कि इमाम बुखारी की पैदाइस से पहले इनकी मां ने अल्लाह से दुआ मांगी थी कि अगर मेरा बेटा पैदा हुआ तो उसे आलिमे दीन बनाऊंगी। जब बच्चे को नवीना देखा तो अल्लाह ने बारगाह में रो रो कर दुआ की तो मां की दुआ का असर हुआ। इसकी बरकत से उनकी आंखों की रोशनी आ गई। मुफ्ती शकील ने इल्मे हदीस की फजीलत पर रोशनी डाली और बताया कि इमाम बुखारी का कयामत तक यह अहसान रहेगा कि उन्होंने अल्लाह के रसूल की हदीसों को जमा किया। उन हदीसों को बुखारी शरीफ की शक्ल में एक किताब में जमा किया। मुफ्ती इकराम ने बच्चों को आखरी हदीस पढ़ाई और बुखारी शरीफ मुबारक खत्म फरमाया। अंत में कारी तंजीम अशरफ ने मुल्क वा कौम की खुशहाली के लिए दुआ कराई। महफिल में पूर्व सांसद डॉ शफीकुर्रहमान, कारी शाहिद, मौलाना इब्राहीम कारी जाहिद अजहर, मौलाना मोहम्मद हसन, डॉ. नाजिम, ख्वाजा कलीम अशरफ, मौलाना हनीफ, मौलाना मुशरफ, मौलाना मोहम्मद शफी, मौलाना इकराम खां, मुफ्ती अफताब, मौलाना जफीर, मुफ्ती शकील, मौलाना नईम अहमद, मौलाना अहमद अशरफ, कारी अनीस, मसूद, अतीक, अब्दुल कदीर, ताहिर, हाजी नदीम, हाजी वकार, सरताज, आरिफ खां आदि रहे। सदारत मुफ्ती आजम अलाउद्दीन अजमली ने की।


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