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आम बजट में किसानों को रखा ख्याल, आत्म निर्भर बनाने के फैसले पर खुश

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने अन्नदाताओं का ख्याल रखा है। उनको आत्म निर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे। उनके आर्थिक उत्थान के लिए भी बजट में तमाम घोषणाएं की गई है। सरकार ने कृषि संरचना में निवेश में बढ़ावा देने और दस हजार नए किसान किसान उत्पादक संघ बनाने और तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कही है। सरकार की इस घोषणा से किसानों को भविष्य में काफी राहत मिलने की उम्मीद है। बजट आने के बाद किसानों ने इसका स्वागत किया। हालांकि उनका कहना था कि जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उनका धरातल पर सही तरीके से क्रियान्वन हो सके। देश का अन्नदाता आज परेशान है। कभी

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jul 2019 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 12:20 AM (IST)
आम बजट में किसानों को रखा ख्याल, आत्म निर्भर बनाने के फैसले पर खुश
आम बजट में किसानों को रखा ख्याल, आत्म निर्भर बनाने के फैसले पर खुश

सम्भल: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने अन्नदाताओं का ख्याल रखा है। उनको आत्म निर्भर बनाने के प्रयास किए जाएंगे। उनके आर्थिक उत्थान के लिए भी बजट में तमाम घोषणाएं की गई है। सरकार ने कृषि संरचना में निवेश में बढ़ावा देने और दस हजार नए किसान किसान उत्पादक संघ बनाने और तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने की बात कही है। सरकार की इस घोषणा से किसानों को भविष्य में काफी राहत मिलने की उम्मीद है। बजट आने के बाद किसानों ने इसका स्वागत किया। हालांकि उनका कहना था कि जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनका धरातल पर सही तरीके से क्रियान्वन हो सके।

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देश का अन्नदाता आज परेशान है। कभी बेवजह होने वाली बारिश तो कभी सूखा पड़ जाने के कारण फसलें चौपट हो जाती है। सरकार से भी कई दफा राहत नहीं मिल पाती है। वहीं चीनी मिल प्रबंधकों की मनमानी के कारण उन पर दोहरी मार पड़ जाती है। चीनी मिलें अन्नदाताओं के करोड़ों रुपया दबाए बैठी हैं। भुगतान के लिए किसान धरना-प्रदर्शन और आंदोलन तक करने को मजबूर हैं। आश्वासन तो मिलता है लेकिन भुगतान नहीं हो पा रहा है। शासन भी चीनी मिलों पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। मूलत: फसलों पर निर्भर रहने वाले किसानों को इस बजट से बहुत उम्मीद थी। काफी हद तक वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण का बजट किसानों को राहत देने वाला है। उन्होंने गांव, किसान व गरीब की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए कई घोषणाएं की हैं। उन्होंने कृृषि ढांचे में निवेश को बढ़ावा देने और दस हजार नए किसान उत्पादक संघ बनाने का ऐलान किया है। अन्नदाता को उर्जा दाता बनाने के साथ ही फसलों का सही दाम देने की घोषणा की है। किसानों के उत्पाद की कीमत बढ़ाने को निजी उद्यमिता को बढ़ावा देने की बात कही है। इन घोषणाओं के बाद किसान बजट से संतुष्ट है लेकिन योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन होने की भी बात कह रहा है। ग्राम बेनीपुर व खरसपा निवासी किसान रनवीर सिंह और धीरेंद्र सिंह ने कहा कि काफी हद तक किसानों के हित में घोषणाएं हुई है। सिचाई के साधन बढ़ाने का भी बजट में जिक्र किया गया है। ग्रामीण उद्योग में 75 हजार नए उद्यमी तैयार करने की योजना भी सराहनीय है। वहीं ग्राम सौंधन व सलालपुर निवासी ध्यान सिंह व मुहम्मद ताहिर ने कहा कि अगर किसानों को फसलों का सही दाम मिलने लगता है तो उसकी आर्थिक स्थिति काफी सुधर जाएगी। तिलहन के उत्पाद को बढ़ावा देना भी सही फैसला है।

सरकार की योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन न होने के कारण किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है। पेट्रोल-डीजल के दाम सरकार को कम करने चाहिए। घोषणा के तहत किसानों को फसलों का सही दाम मिले, जिससे वह खुद आर्थिक रूप से मजबूत हो जाएंगे। जो भी घोषणा हुई है उसका सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए।

हरपाल सिह, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाकियू अराजनैतिक असली बजट से हर साल किसानों को काफी आस होती है। इस दफा घोषणाएं तो तमाम की गई है, अगर इनका सही तरीके से क्रियान्वयन हो गया तो किसानों को काफी फायदा मिलेगा। हालांकि बजट में पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने चाहिए। या कुछ ऐसा प्रावधान सरकार करे कि किसानों को डीजल सस्ता मिल सके।

आनंद सिंह,प्रदेश उपाध्यक्ष, भाकियू अराजनैतिक


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