रेल लाइन के किनारे अवैध कब्जे कर बना लीं झुग्गी-झोपड़ीं
चन्दौसी बबराला और बहजोई में बरेली-अलीगढ़ रेलवे लाइन के किनारे कर लिया अवैध कब्जा।
- चन्दौसी, बबराला और बहजोई में बरेली-अलीगढ़ रेलवे लाइन के किनारे कर लिया अवैध कब्जा
जागरण संवाददाता, चन्दौसी : अब रेलवे लाइन किनारे बसे लोगों से छीना जाएगा उनका आशियाना। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। बरेली-अलीगढ़ रेलवे मार्ग स्थित चन्दौसी, बहजोई, बबराला आदि शहरों में भी लोगों ने लाइन किनारे अवैध कब्जा कर झुग्गी-झोपड़ी डाल रखी हैं। अब इनको हटाकर रेलवे की जगह को कब्जा मुक्त कराया जाएगा।
देश की राजधानी दिल्ली व एनसीआर में खासा प्रदूषण है। प्रदूषण को कम करने तथा इनके कारको पर अध्ययन किया गया तो जानकारी निकल कर सामने आई कि रेलवे लाइन किनारे बनी झुग्गी झोपड़ी से जहां रेलवे की जगह पर अवैध कब्जा है वहीं इस प्रदूषण को खासा बढ़ावा मिल रहा है। दिल्ली व एनसीआर में करीब चालीस किलोमीटर लंबे रेल मार्ग किनारे इस तरह से कब्जा कर लिया गया है। यह मुददा देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो उसने सख्त रुख अखित्यार कर लिया है। उसने 31 अगस्त को आदेश जारी किए और कहा रेलवे लाइन किनारे बनी झुग्गी झोपडियों व हटाने के आदेश दिए है। इसके बाद रेलवे भी हरकत में आ गया है। उसने इसकी कवायद शुरू कर दी है। मुरादाबाद रेल मंडल के अंतर्गत बरेली-चन्दौसी-अलीगढ़ रेल मार्ग स्थित चन्दौसी के भैतरी फाटक, प्रेमनगर, बहजोई और बबराला में लोगों ने झुग्गी झोपड़ी डाल रखी हैं। यहां इसकी शुरुआत रेलवे कालोनी से शुरु हो गई। रेलवे के अधिकारियों ने पुलिस बल के साथ गुरुवार को कालोनी अवैध कब्जों को हटवाया। इनसेट-
प्रेमनगर कालोनी में सफेदपोश ने पार्क पर कर लिया कब्जा
चन्दौसी: गरीब व बेसहारा अपनी झोपड़ी डालकर रहे तो एक बार को उनकी मजबूरी मानी जाएगी लेकिन, जब एक राजनीतिक पार्टी के नेता कब्जा करें तो इसे उनकी दबंगई कहा जाएगा। प्रदेश में बसपा के शासनकाल में एक नेताजी की खासी धमक थी। इसी के चलते उन्होंने अपने घर के सामने रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर अवैध कब्जा कर पार्क बना लिया। पार्क में बैठने के लिए सीमेंट की पक्की बेंच आदि तक बना डाली। रेलवे ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की और न ही अवैध कब्जे को ही हटवाया।