कैसे न लगे बंदी, महज दस दिन में बिगड़े हालात
राघवेंद्र शुक्ल सम्भल बंदी तो होनी ही थी। शासन ने प्रदेश की स्थिति को देखकर निर्णय लिया।
राघवेंद्र शुक्ल, सम्भल : बंदी तो होनी ही थी। शासन ने प्रदेश की स्थिति को देखकर निर्णय लिया तो सम्भल के हाल भी कुछ अलग नहीं हैं। यहां अब तक 454 केस कोरोना संक्रमण के मिल चुके हैं। इसमें से तकरीबन 25 फीसद यानी 115 केस महज दस दिन में मिल गए जबकि इसके आठ दिन पहले मिलने वाले कुल मरीज 48 रहे। इस अवधि में सही होने वालों की संख्या 60 रही। जितने मिले उससे ज्यादा सही हो गए। पिछले 10 दिन में 115 केस मिले तो सही होने वाले महज 70 रहे। इस हिसाब से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा था। हालात का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि 18 दिनों में मरने वाले मरीजों में भी उछाल आया है यानी जहां चार मरीज 23 जून तक थे तो इसके बाद से अब तक 8 मरीजों की मौत स्वास्थ्य विभाग ने दर्ज की है।
बंदी तो लोगों ने खुद लगवायी है। अभी भी सड़कों पर चलने वाले, बाजार में सामान खरीदने सहित अन्य जगहों पर शारीरिक दूरी नियम की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। शासन ने बिना मास्क पहने घूमने पर प्रतिबंध लगाया और जुर्माना भी बढ़ाया है लेकिन, अभी भी सड़क पर घूमने वाले महज 20 से 25 फीसद लोग ही मास्क पहनकर कर निकलते हैं। रायसत्ती, दीपा सराय, नखासा, हि²ुपुर खेड़ा के अलावा हयातनगर, सरायतरीन, कोट, हातिम सराय ऐसे इलाके हैं जहां अभी भी लोग मास्क पहनने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में मरीजों का बढ़ना स्वाभाविक है। अब तो स्थिति यह है कि सम्भल के अलावा पूरी चन्दौसी कोरोना की चपेट में है। शायद ही इसका कोई मोहल्ला बचा हो जहां कोरोना के केस न हो।
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महज आठ दिन में 65 केस
सम्भल : दिनांक 24 जून से 30 जून के बीच कुल 65 मरीज सामने आए। इसमें 24 जून को 12, 25 को 6, 26 को 16, 27 को शून्य, 28 को 13, 29 जून को शून्य मरीज कोरोना पॉजिटिव रहे। इसी तरह 24 जून को 16, 25 को 16, 26 को 3, 27 को 17, 28 को 5, 29 को 3 मरीज स्वस्थ हो गए।