हनुमान जी ने किया सोने की लंका का दहन
बहजोई (सम्भल) रजपुरा में चल रही रामलीला के अंतर्गत कलाकारों के द्वारा लंका दहन का मंचन किया गया जिसे देख दर्शक भाव विभोर हो गए।
बहजोई (सम्भल) : रजपुरा में चल रही रामलीला के अंतर्गत कलाकारों के द्वारा लंका दहन का मंचन किया गया, जिसे देख दर्शक भाव विभोर हो गए।
रजपुरा के रामलीला रंगमंच पर कलाकारों ने गणेश वंदना के साथ रामलीला का शुभारंभ किया, जिसमें पंपापुर से सुग्रीव के साथ भगवान श्री राम और लक्ष्मण हनुमान जी को लेकर वानर सेना के साथ समुद्र तट पहुंचते हैं। यहां से हनुमान जी लंका के लिए जाते हैं और अशोक वाटिका स्थित सीता से अपना परिचय देते हैं। इस दौरान वह राम के द्वारा दी गई मुद्रिका को भी सीता के समक्ष डालते हैं, जिससे वह राम के दूत के रूप में उन्हें पहचानती हैं और उन्हें फल खाने को कहती है। इस दौरान हनुमान जी अशोक वाटिका के बाग को उजाड़ देते हैं। मेघनाथ के द्वारा ब्रह्मास्त्र प्रयोग कर पकड़ लिया जाता है। इसके बाद उनकी पूंछ में आग लगाई जाती है और वह लंका को उछलते-उछलते जला देते हैं। तत्पश्चात अपनी पूंछ में लगी आग को समुद्र में कूदकर बुझा देते हैं।