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बूढ़े बाबा की जात से चर्म रोगों से मिलती है निजात

थाना बनियाठेर क्षेत्र के अकरौली गांव में शनिवार से दो दिवसीय बूढ़े बाबा का मेला शुरू हो गया है। प्रतिवर्ष दो बार लगने वाला बूढ़े बाबा का मेला माघ माह तथा भाद्रपद माह की दौज व त्रयोदशी के दिन आयोजित होता है। मेला के पहले दिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर प्रसाद चढ़ा कर चर्म रोगों से निजात की दुआ मांगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 07:47 PM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 06:22 AM (IST)
बूढ़े बाबा की जात से चर्म रोगों से मिलती है निजात

चन्दौसी, जासं: थाना बनियाठेर क्षेत्र के अकरौली गांव में शनिवार से दो दिवसीय बूढ़े बाबा का मेला शुरू हो गया है। प्रतिवर्ष दो बार लगने वाला बूढ़े बाबा का मेला माघ माह तथा भाद्रपद माह की दौज व त्रयोदशी के दिन होता है। मेला के पहले दिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर प्रसाद चढ़ा कर चर्म रोगों से निजात की दुआ मांगी।

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मंदिर के पुजारी किशोरीलाल ने बताया के यहां जो भी श्रद्धालु आते हैं वह मंदिर परिसर पर पूजन इत्यादि कर तालाब में हाथ मुंह धोकर जात स्वरूप पचरंगी अनाज चढ़ाते हैं। श्रद्धालुओं की पूजा अर्चना से बाबा प्रसन्न होकर चर्म रोगों से निजात का आशीर्वाद देते हैं। मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं तथा पूजा कर चर्म रोगों से निजात पाते हैं। शनिवार से दो दिवसीय मेला शुरू हो गया है। बीते 25 साल से मेला लग रहा है। मेले के दौरान सीताराम प्रजापति, चिरंजी लाल प्रजापति, सोनू प्रजापति, रामपाल भगत, नरपत सिंह मौर्य, सोमपाल प्रजापति, दौलत राम प्रजापति,  अनुराग प्रजापति, कल्लू प्रजापति का सहयोग रहा।


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