रघुपुरपुख्ता गांव तक पहुंचा बाढ़ का पानी, ग्रामीणों में दहशत
जुनावई : उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही मूसलधार बारिश से मैदानी
जुनावई : उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में रुक-रुक कर हो रही मूसलधार बारिश से मैदानी क्षेत्र की नदियों में जल स्तर बढ़ने से लगातार बाढ़ की सम्भावना बढ़ रही है। गंगा किनारे के ग्रामीण अंचलों के किनारों तक पानी पहुंच गया है जिससे ग्रामीणों में खलबली मच गई है। वहीं बाढ़ से निपटने के लिए बाढ़ चौकियां अलर्ट हैं।
नरौरा बैराज के गेज प्रभारी संजय शर्मा ने बताया कि सोमवार को अचानक बैराज पर पानी बढ़ गया। निचले स्तर पर सुबह एक लाख क्यूसेक प्रति सेकेंड पानी छोड़ा गया था। लेकिन शाम तक इसमें और वृद्धि हो गई और निचले स्तर पर एक लाख 40 हजार 765 क्यूसिक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा गया है जबकि ऊपरी सतह पर एक लाख 50 हजार 797 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड बह रहा है। जबकि बिजनौर से एक लाख 13 हजार 748 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा गया। हरिद्वार से 77 हजार 73 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड डिस्चार्ज किया गया है। नरौरा बैराज से एक लाख 59 हजार क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड पानी छोड़े जाने पर तहसील गुन्नौर के गांव रघुपुरपुख्ता में हफ्ते भर पहले पानी पहुंच गया था। गांव में लगभग चार दिन ग्रामीणों का जीवन पानी के बीच गुजरा।
ग्राम प्रधान पति पोप ¨सह यादव ने बताया कि अभी पानी गांव से पांच सौ मीटर दूर दक्षिण दिशा में बह रहा है। गांव में नहीं पहुंचा है। तहसील प्रशासन ने पहले से ही अपनी तैयारी पूरी कर रखी है तथा बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों की निगरानी किये हुए है। फिलहाल स्थिति सामान्य है लेकिन गांव में पानी पहुंचने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल हरिद्वार से पानी कम भी हुआ है।