सम्भल में हर बिजली उपकेंद्र ओवरलोड
जेएनएन सम्भल जिले में ऐसा कोई भी बिजली घर नहीं है जो ओवरलोड न हो। इसके पीछे विभाग के
जेएनएन, सम्भल: जिले में ऐसा कोई भी बिजली घर नहीं है जो ओवरलोड न हो। इसके पीछे विभाग के अधिकारी बिजली चोरी का कारण मान रहे हैं। लगातार हो रही बिजली चोरी के चलते जहां समय-समय पर ट्रांसफार्मर खराब हो रहे हैं तो वही तार भी आए दिन टूटकर गिरते रहते हैं। इससे हादसे भी हो जाते है। उधर ओवरलोड के चलते फीडर बार-बार ट्रिप होते रहते हैं। इससे रोस्टर के हिसाब से बिजली नहीं मिल पा रही है।
सम्भल जिले में 52 बिजली उपकेंद्र है जिनसे तीन लाख पांच हजार उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाती है। जिले के अधिकांश बिजली उपकेंद्र ओवरलोड है। इसके पीछे बिजली चोरी तो सबसे बड़ा कारण है ही, लेकिन पिछले कुछ सालों में कनेक्शन धारकों की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन उपकेंद्र उतने ही हैं। सम्भल जिले में बिजली चोरी भी 45 प्रतिशत है। ओवरलोड का सबसे बड़ा कारण भी यही है। इसके चलते प्रत्येक माह 300 से 350 तक ट्रांसफार्मर दम तोड़ दे रहे हैं। इन्हें सही करने के लिए विभाग को हर माह करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। अगर बिजली चोरी रुक जाए तो विभाग को 50 करोड़ रुपये बिजली चोरी से बच जाएंगे दूसरा ट्रांसफार्मर सही करने में किए जा रहे खर्च भी बचेगा। सम्भल जिले में बिजली से हर माह लगभग 49 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है तो 50 करोड़ रुपये की बिजली चोरी हो रही है।
1010 मेगावाट खर्च कर रहा है विभाग बिजली
सम्भल: जनपद सम्भल के लोगों को बिजली देने के लिए विभाग प्रत्येक दिन 1010 एमबीए बिजली खर्च कर रहा है। इसके बाद भी बिजली घर ओवरलोड है, लेकिन इस बिजली में 45 फीसद बिजली चोरी हो रही है। अगर चोरी रुक जाए तो फिर जिले के ईमानदार उपभोक्ताओं को भरपूर बिजली मिलेगी।
जिले में लगे है 40 हजार 472 ट्रांसफार्मर
सम्भल: जिले में लोगों को बिजली देने के लिए बिजली उपकेंद्रों के अलावा विभाग ने 40 हजार 472 ट्रांसफार्मर लगा रखे हैं, लेकिन इनमें 300 से 350 ट्रांसफार्मर प्रत्येक माह खराब होते रहते हैं। अगर ओवरलोड कम करके बिजली विभाग ने अपने ट्रांसफार्मर को भी सुरक्षित रख ले तो तमाम रुपये विभाग के बच जाएंगे। ओवरलोड का सबसे बड़ा कारण बिजली चोरी तो है ही साथ पिछले कुछ सालों में कनेक्शन धारकों की संख्या में इजाफा होना और बिजली घरों में बढ़ोत्तरी न होना भी ओवरलोड का कारण है।
- अनिल कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता सम्भल