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पुलिस की पूछताछ के चलते पिता को मुखाग्नि नहीं दे सका बेटा

जीते जी तो केसर का बेटा अपने पिता से बात नहीं करता था, लेकिन उसकी मौत के बाद बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार करने की इच्छा जाहिर की तो वह भी पुलिस ने पूरी नहीं होने दी। क्योंकि पोस्टमार्टम हाउस से शव अन्य परिजनों को दे दिया और बेटे को लेकर चन्दौसी कोतवाली पहुंच गए। रविवार की सुबह पुलिस ने उसे जाने दिया, लेकिन जब तक वह पहुंचता तब तक परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अकेला बेटा होने के चलते मुखाग्नि भी अन्य परिजनों को देनी पड़ी। साथ ही उसके साथ पुलिस भी साथ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 11:59 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 11:59 PM (IST)
पुलिस की पूछताछ के चलते पिता को मुखाग्नि नहीं दे सका बेटा
पुलिस की पूछताछ के चलते पिता को मुखाग्नि नहीं दे सका बेटा

चन्दौसी: जीते जी तो केसर का बेटा अपने पिता से बात नहीं करता था, लेकिन उसकी मौत के बाद बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार करने की इच्छा जाहिर की तो वह भी पुलिस ने पूरी नहीं होने दी क्योंकि पोस्टमार्टम हाउस से शव अन्य परिजनों को दे दिया और बेटे को लेकर कोतवाली पहुंच गए। रविवार की सुबह पुलिस ने उसे जाने दिया, लेकिन जब तक वह पहुंचता तब तक परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अकेला बेटा होने के चलते मुखाग्नि भी अन्य परिजनों को देनी पड़ी। साथ ही उसके साथ पुलिस भी साथ गई है।

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अगर कोई आरोपित जेल में बंद होता है और उसके पिता की मौत हो जाए तो अनुरोध के बाद जेल से भी पुलिस बेटे को पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लेकर पहुंच जाती है। हर बेटे की अंतिम इच्छा भी होती हैं कि अपने माता पिता को मुखाग्नि वह दे, लेकिन ललित आरोपित न होने के बाद भी पिता के शव को मुखाग्नि नहीं दे सका। जब ललित का जन्म हुआ तो उसका पिता बेटे को छोड़कर संतोष पास रहने आ गया था। इसके चलते बेटा कभी अपने पिता से भी नहीं मिलता था। दोनों में बात भी नहीं होती थी। बताया जाता हैं कि जब ललित की शादी हुई तो वह पिता को कार्ड देने के लिए एक बार चन्दौसी आया था। पिता की हत्या होने की सूचना पर ललित परिजनों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया, लेकिन उसकी आंखों में एक भी आंसू नहीं था। यह देख सभी दंग थे। जब केसर का पोस्टमार्टम हो गया और ललित शव को लेकर अपने गांव जाने की तैयारी करने लगा तभी पुलिस ने उसे रोक लिया और शव अन्य परिजनों को सौंप जाने के लिए कहते हुए ललित समेत तीन लोगों को लेकर कोतवाली पहुंच गए। यहां पर पूरी रात ललित से पूछताछ होती रही। ललित कई बार कहा कि मैं अकेला बेटा हूं और मुझे अंतिम संस्कार करना है लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। रविवार को सुबह एक सिपाही के साथ ललित को घर भेजा। जब तक वह घर पहुंचता तब तक परिजन इंतजार करके शव का अंतिम संस्कार कर चुके थे। इनसेट-

सीओ व कोतवाल ने पहुंचकर फिर से की जांच

चन्दौसी: घर के अंदर शव मिलने के तीसरे दिन भी सीओ केके सरोज व कोतवाल र¨वद्र प्रताप ¨सह पुलिस बल के साथ घर पहुंच गए। सबसे पहले सीओ ने कहा-कहा सीसीटीवी लगे इस बात का पता किया। इसके बाद घर का दरवाजा खोलकर अंदर पहुंच गए। सीओ ने पुलिस के साथ पूरे घर की तलाशी। लगभग आधा घंटे तक पुलिस घर के अंदर रही। छत पर जाकर भी पुलिस ने देखा। पूरे घर की तलाशी लेने के बाद पुलिस घर को बंद करके वापस लौट आई। साहब, मैंने क्या गुनाह कर दिया

चन्दौसी: संतोष के घर आने वाली इको कार को तलाशने के लिए पुलिस बौखला गई है। जब कार का कुछ पता नहीं चला तो सीसीटीवी फुटेज देखी गई। फुटेज में दिखाई दिया कि कार शहर में एक स्थान पर लगने वाले ठेले के पास खड़ी हुई थी। इसके बाद पुलिस ठेले लगाने वाले व्यक्ति को कोतवाली बुला लिया। पुलिस ने उससे पूछताछ करनी शुरू कर दी। जब उसने कार स्वामी के बारे में कोई भी जानकारी होने से इन्कार किया तो उसे टोर्चर किया। उसने पुलिस कहा कि साहब इसमें मेरा क्या गुनाह हैं कि कोई मेरे ठेले के पास अपनी कार खड़ी कर दे।

तीनों शवों का रविवार को हुआ अंतिम संस्कार

चन्दौसी: लूट के बाद की गई महिला समेत तीन लोगों की हत्या के बाद तीनों शवों का पोस्टमार्टम तो शनिवार को ही हो गया था। केसर का शव परिजन बुलंदशहर ले गए और और संतोष का शव भाई राजबहादुर अपने गांव राजा का मझौला ले आए। जबकि नौकरानी श्रुति का शव परिजन ले गए थे। ऐसे में तीनों शवों का रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया।

कुछ लोगों को पुलिस ने लिया हिरासत में

चन्दौसी: अपनी नाकामी छिपाने के लिए पुलिस ने शहर के ठेला लगाने वाले लोगों को भी उठाना शुरू कर दिया है। पुलिस ने रविवार को कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जबकि कुछ की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। बताया जाता हैं कि कुछ स्थानों पर पुलिस ने दबिश दी है। साथ ही हिरासत में लिए गए लोगों से सख्ती से पूछताछ की जा रही है।


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