साहित्य के क्षेत्र में रुहेलखंड का खास मुकाम
सम्भल कंजा फरोग उर्दू सोसाइटी हातिम सराय के तत्वाधान में कौमी काउंसिल बराए फरोग उर्दू जब
सम्भल: कंजा फरोग उर्दू सोसाइटी हातिम सराय के तत्वाधान में कौमी काउंसिल बराए फरोग उर्दू जबान नई दिल्ली के सहयोग से एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आजादी के बाद रुहेलखंड में गैर अफसानवी अदब विषय पर की गई।
नगर के हातिम सराय स्थित मदरसा अलहिरा में आयोजित सेमिनार में पहले सत्र की अध्यक्षता राजपूताना मेडिकल कॉलेज जयपुर के पूर्व डीन प्रोफेसर मोहम्मद हुसैन जाफरी ने की। जहां पर मुख्य अतिथि जामिया मिलिया इस्लामिया के फारसी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर आई रजा जैदी रहे। सेमिनार की शुरुआत डॉ. रयान युसुफ ने तिलावते कलाम ए पाक से की। इस मौके पर सुंदस नकवी ने कविता प्रस्तुत की। प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने काउंसिल डायरेक्टर का पैगाम पढ़ कर सुनाया। इस मौके पर डॉ. किश्वर जहां •ौदी द्वारा द्वारा पुस्तक का विमोचन यूनिवर्सिटी ऑफ पटियाला के प्रोफेसर नासिर नकवी, जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर ईराक रजा जैदी, सुल्तान मोहम्मद कलीम एवं मुशीर खान तरीन ने किया। सेमिनार में प्रोफेसर नासिर नकवी ने रुहेलखंड की ऐतिहासिक एवं साहित्यिक पृष्ठभूमि का वर्णन करते हुए इसे हिदुस्तान का वह क्षेत्र बताया जहां हमेशा साहित्य के कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया गया। अमरोहा से तशरीफ लाए डॉ. मिस्बाह अहमद सिद्दीकी ने अमरोहा में तजकिरा निगारी की रिवायत, कश्मीर से आये कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के डॉ. राशिद अजीज ने अफसान वीनस रक्त और इलमुल बयान, ज्वाला प्रसाद इंटर कॉलेज बिजनौर में अंग्रेजी विभाग के प्रवक्ता डॉ. आसिफ गय्यूर में गैर अफसानवी नस्त्र में जिला बिजनौर के उदबा का हिस्सा, मुरादाबाद से डॉ. मोहम्मद आसिफ खान ने आजादी के बाद मुरादाबाद में गैर अफसानवी नस्त्र एक जाईजा, एमजीएम कॉलेज के उर्दू विभाग के प्रवक्ता डॉ. रियाज अनवर आदि ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रियाज अनवर, मीर शाह हुसैन आरिफ एवं शफीक बरकाती ने संयुक्त रूप से किया।