Move to Jagran APP

पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाएं

चन्दौसी पेट्रोलियम उत्पादों की लगातार कीमतें बढ़ती जा रही है। जिससे किसान व्यापारियों के स

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 11:53 PM (IST)
पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाएं
पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाएं

चन्दौसी: पेट्रोलियम उत्पादों की लगातार कीमतें बढ़ती जा रही है। जिससे किसान, व्यापारियों के साथ आम आदमी परेशान है। बढ़ी कीमतों को लेकर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के कार्यकर्ताओं में रोष है। सोमवार को जिलाध्यक्ष प्रेम ग्रोवर के साथ काफी संख्या में व्यापारी तहसील पहुंचे। जहां तहसीलदार मनोज कुमार से मिलकर बित्तमंत्री संबोधित ज्ञापन सौंपकर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में जाने की मांग की।

loksabha election banner

ज्ञापन में व्यापारियों ने कहा कि सरकार को पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस व अल्कोहल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। जिससे कि देश की आम जनता एवं उद्योग व्यापार को महंगाई और कच्चे माल की कीमतों से राहत मिलेगी, क्योंकि जीएसटी के अधिकतम दर 28 फीसद है पेट्रोलियम पदार्थों को 28 फीसद के दायरे में आने से इनकी कीमतों पर 25 फीसद की कमी आएगी। इस प्रकार महंगाई घटेगी और कच्चे माल की कीमत भी घटेगी, कच्चे माल की कमी होने पर भाड़ा भी कम होगा और आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी। जीएसटी में ई वे बिल सीमा को सरकार ने एक दिन में 200 किलोमीटर कर दी है जो कि सही नहीं है, इससे पहले की तरह 100 किलोमीटर करा दिया जाए। इसके अलावा जीएसटी पर किसी भी तकनीकी भूल के कारण कोई भी अर्थ दंड या जुर्माना आरोपित ना किया जाए, क्योंकि जीएसटी विभाग द्वारा जब से यह लागू हुई है अब तक कम से कम 1000 बार संशोधन कर चुके हैं। इस दौरान शाह आलम मंसूरी, प्रभात कृष्णा, विकास मिश्रा, अनुज वाष्र्णेय, सुशील छोटू, वसीम अख्तर, राजू चड्डा, मुहम्मद राशिद, शुभम अग्रवाल, खालिद, यामीन ,गोविद ठाकुर, तनवीर अहमद आदि शामिल रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.