डाक टिकट कागज का टुकड़ा नहीं एक अहम दस्तावेज
मदरसा इस्लामिया आजाद मुनव्वर उल कुरआन में डाक विश्व दिवस पर एक डाक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया प्रदर्शनी में आजादी से पहले और बाद के टिकट प्रदर्शित किये गये। वक्ताओं ने डाक टिकट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
. प्रर्दशनी में प्रदर्शित की गई आजादी के पहले और बाद की डाक टिकट
जागरण संवाददाता, सम्भल: मदरसा इस्लामिया आजाद मुनव्वर उल कुरआन में डाक विश्व दिवस पर एक डाक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, प्रदर्शनी में आजादी से पहले और बाद के टिकट प्रदर्शित किये गये। वक्ताओं ने डाक टिकट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बुधवार को नगर के मुहल्ला दीपा सराय स्थित मदरसा इस्लामिया आजाद मुनव्वर उल कुरआन में विश्व डाक दिवस का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में मुहम्मद अब्दुल्ला ने कहा कि डाक टिकट कागज का सिर्फ एक छोटा टूकड़ा नहीं है यह एक अहम दस्तावेज है। जो किसी भी मुल्क की तहजीब और रस्मों रिवाज अहम शख्शियत वाक्यात और अहम चीजों से वाकिफ कराती है। टिकटों पर कौमी चरन्द परन्द नौमी निशानात मुल्क की तरक्की की एजादात इकदामात खुसूसी दिन वहैरह की तस्वीर है। डाक टिकट सुनहरी यादे का खजाना है। उन्होंने कहा कि डाक टिकट सबसे पहले एक मई 1840 ई को ग्रेट ब्रिटेन में जारी हुआ उसका नाम पैनी ब्लैक था। उस पर रानी विक्टोरिया की तस्वीर छपी थी और कीमत एक पैनी थी। दूसरा पैन्स ब्लू के नाम से छपा ब्राजील ने अगस्त 1843 में बुल्स आई की शक्ल में पहला डाक टिकट जारी किया। 1847 में अमेरिका ने जार्ज वांशिगटन की तस्वीर वाला टिकट जारी किया। 1854 में भारत में संडे डाक टिकट शक्ल में सिध सूबे पहला डाक टिकट जारी किया गया। उन्होंने कहा कि डाक विभाग ने वैसे तो बहुत से डाक टिकट जारी किये है उनमें से आजादी से पहले और बाद के डाक टिकट मदरसे में प्रदर्शनी में प्रदर्शित किये गये। जिसमें खास टिकट 1349 हितरी की सरकारें आस्फिया टिकट मध्य युगीन मूर्ति कला, भारत अंतरराष्ट्रीय डाक, सोमनाथ मंदिर शरणार्थी सहायता परिवार नियोजन, कलकत्ता बड़ा डाक घर भारत राजस्व पाकिस्तान लाहौर फोर्ट 1922 हुकूमते ईरान के शाही टिकट, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मदर टरेसा, भीमराव आंबेडकर एवं महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर जारी टिकटी व अन्य नाम से जाने वाले डाक टिकट प्रदर्शित किये। इस दौरान मोहम्मद अब्दुल्ला, अरीब रजा, जैनब, फरहा नाज, कादिर रियाज, उजमा नूर, गुलफशा, मरियम आदि मौजूद रहे।